aarti sangrah lyrics

Bhagwan Aarti Lyrics (भगवान आरती लिरिक्स हिंदी में): आरती, सनातन धर्म की एक रस्म है, जिसमें जलती हुई लौ को भगवान के सामने घुमाया जाता है और उनकी महिमा को गाया जाता है। धर्म शास्त्रों में हर देवी-देवता की अलग-अलग आरतियों के बारे में बताया गया है जिनसे व्यक्ति को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। इन आरती को भक्ति-भाव से गाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आरतियों की रचना आज से कई सदी से पहले हुई जिनका वर्णन पुराणों में भी मिलता है। यहां हम आपके लिए हर भगवान की सम्पूर्ण आरती लेकर आए हैं जिसको आप धार्मिक अनुष्ठानों के समय गा कर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। आप यहां भगवान आरती लिरिक्स हिंदी में, गणेश जी आरती लिरिक्स, ॐ जय जगदीश हरे आरती, देवताओं की आरती संग्रह देख सकते हैं।

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Bhagwan Ganesh Aarti Lyrics in Hindi (भगवान गणेश आरती हिंदी में)

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय

Bhagwan Shiv Aarti Lyrics in Hindi (भगवान शिव आरती हिंदी में)

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखत त्रिभुवन जन मोहे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूलधारी।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ स्वामी ओम जय शिव ओंकारा॥

Mata Parvati Aarti Lyrics in Hindi (माता पार्वती आरती हिंदी में)

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥
जय पार्वती माता
अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता॥
जय पार्वती माता
सिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा।
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥
जय पार्वती माता
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥
जय पार्वती माता
शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता।
सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥
जय पार्वती माता
सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता।
नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता॥
जय पार्वती माता
देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥
जय पार्वती माता
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।
सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥
जय पार्वती माता

Bhagwan Vishnu Aarti Lyrics in Hindi (भगवान विष्णु आरती हिंदी में)

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ओम जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ओम जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी। स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ओम जय जगदीश हरे।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी। स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ओम जय जगदीश हरे।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता। स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ओम जय जगदीश हरे।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय जगदीश हरे।
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ओम जय जगदीश हरे।
विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा। स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, संतन की सेवा॥ ओम जय जगदीश हरे।
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे। स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥ ओम जय जगदीश हरे।

Mata Lakshmi Aarti Lyrics in Hindi (माता लक्ष्मी आरती हिंदी में)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। मैया तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। मैया सुख सम्पत्ति दाता॥
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। मैया तुम ही शुभदाता॥
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। मैया सब सद्गुण आता॥
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। मैया वस्त्र न कोई पाता॥
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। मैया क्षीरोदधि-जाता॥
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। मैया जो कोई जन गाता॥
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

Bhagwan Ram Aarti Lyrics in Hindi (भगवान राम आरती हिंदी में)

आरती कीजे श्री रामलला की
आरती कीजे श्री रामलला की
रघुनंदन सम्पूर्ण कला की
रघुनंदन सम्पूर्ण कला की
आरती कीजे श्री रामलला की ॥१॥
नारायण नर बनकर आये
रघुकुल नंदन राम कहाये
नारायण नर बनकर आये
रघुकुल नंदन राम कहाये
कौशल्या सूत राजिव लोचन
दशरथ सूत हरी भव भय मोचन
आरती कीजे श्री रामलला की ॥२॥
भरत लखन शत्रुघन समेता
प्रगटे अवध में कृपा निकेता
भरत लखन शत्रुघन समेता
प्रगटे अवध में कृपा निकेता
धनुष बाण दिव्य युद्ध धारी
जनम निरंजन अवध बिहारी
आरती कीजे श्री रामलला की ॥३॥
गुरु वशिष्ठ से विद्या पाये
विश्वामित्र का यज्ञ बचाये
गुरु वशिष्ठ से विद्या पाये
विश्वामित्र का यज्ञ बचाये
तार अहिल्या मिथिला आये
जनकसुता से ब्याह रचाये
आरती कीजे श्री रामलला की॥४॥
पिता वचन हित वन को ध्याये
रावण वध कर अवध को आये
पिता वचन हित वन को ध्याये
रावण वध कर अवध को आये
सिय संग सिंघासन को सजाये
राम राज त्रिभुवन में लाये
आरती कीजे श्री रामलला की॥५॥
जय जय मर्यादा अवतारी
जय जय धनुष बाण के धारी
जय जय मर्यादा अवतारी
जय जय धनुष बाण के धारी
जय सीतापति जय असुरारी
जय रघुनायक अवध बिहारी
आरती कीजे श्री रामलला की॥६॥
राम सिया की आरती पावनी
सकल दोष दुःख ताप ना सावनी
राम सिया की आरती पावनी
सकल दोष दुःख ताप ना सावनी
शिव आज इंद्र संत मन भावनि
पांच रोग तय ताप मिटावनी
आरती कीजे श्री रामलला की॥७॥
राम चरण में जो चित लावे
प्रेम भक्ति से गुण यश गावे
राम चरण में जो चित लावे
प्रेम भक्ति से गुण यश गावे
अक्षय सुख यश वैभव पावे
अंत काल भव से तर जावे
आरती कीजे श्री रामलला की
रघुनंदन सम्पूर्ण कला की
आरती कीजे श्री रामलला की॥८॥

Mata Sita Aarti Lyrics in Hindi (माता सीता आरती हिंदी में)

आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥
जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥
सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी, त्याग धर्म मूर्ति धरी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥
विमल कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पवन मति आई,
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई, शरणागत जन भय हरी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की।

Hanuman Ji Aarti Lyrics in Hindi (हनुमान जी आरती हिंदी में)

श्री हनुमंत स्तुति॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे॥
आरती॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरवर काँपे।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाये॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियाराम जी के काज सँवारे॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे।
लाये संजिवन प्राण उबारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
पैठि पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाईं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे॥
लंक विध्वंस किये रघुराई।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

Mata Durga Lyrics in Hindi (माता दुर्गा आरती हिंदी में)

जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
माँग सिन्दूर विराजत,टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना,चन्द्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत,तिनके दुखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर,सम राजत ज्योति॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे,महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना,निशिदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे,शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रहमाणी रुद्राणीतुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी,तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत,नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा,अरु बाजत डमरु॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता,तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता,सुख सम्पत्ति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित,वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत,सेवत नर-नारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कन्चन थाल विराजत,अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योति॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
श्री अम्बेजी की आरती,जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी,सुख सम्पत्ति पावै॥
ॐ जय अम्बे गौरी..

Mata Saraswati Aarti Lyrics in Hindi (माता सरस्वती आरती हिंदी में)

जय सरस्वती माता,
मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता॥
जय जय सरस्वती माता…॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी॥
जय जय सरस्वती माता…॥
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला॥
जय जय सरस्वती माता…॥
देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया॥
जय जय सरस्वती माता…॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो॥
जय जय सरस्वती माता…॥
धूप दीप फल मेवा,
माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
माँ सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे॥
जय जय सरस्वती माता…॥
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता॥

Mata Kali Aarti Lyrics in Hindi (माता काली आरती हिंदी में)

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥
तेरे भक्त जनो पर,
भीर पडी है भारी माँ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥
माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता।
पूत - कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियो के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥
नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥

Santoshi Mata Aarti Lyrics in Hindi (संतोषी माता आरती हिंदी में)

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोज धरे न्यारे॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो।
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
ध्यान धरे जो तेरा,
वांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर,
घर आनन्द आयो॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता॥
सन्तोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता॥

Bhagwan Krishna Aarti Lyrics in Hindi (भगवान कृष्णा आरती हिंदी में)

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

Bhagwan Brahma Aarti Lyrics in Hindi (भगवान ब्रह्मा आरती हिंदी में)

पितु मातु सहायक स्वामी सखा , तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कुछ और आधार नहीं , तिनके तुम ही रखवारे हो ।
सब भॉति सदा सुखदायक हो , दुख निर्गुण नाशन हरे हो ।
प्रतिपाल करे सारे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो ।
भूल गये हैं हम तो तुमको , तुम तो हमरी सुधि नहिं बिसारे हो ।
उपकारन को कछु अंत नहीं, छिन्न ही छिन्न जो विस्तारे हो ।
महाराज महा महिमा तुम्हारी, मुझसे विरले बुधवारे हो ।
शुभ शांति निकेतन प्रेम निधि , मन मंदिर के उजियारे हो ।
इस जीवन के तुम ही जीवन हो , इन प्राणण के तुम प्यारे हो में ।
तुम सों प्रभु पये कमल हरि, केहि के अब और सहारे हो ।

सत्‍यनारायण जी की आरती (Satya Nayarayn Bhagwan Ki Aarti)

जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
रत्‍‌न जडि़त सिंहासन,
अद्भुत छवि राजै ।
नारद करत निराजन,
घण्टा ध्वनि बाजै ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
प्रकट भये कलि कारण,
द्विज को दर्श दियो ।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर,
कंचन महल कियो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
दुर्बल भील कठारो,
जिन पर कृपा करी ।
चन्द्रचूड़ एक राजा,
तिनकी विपत्ति हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
वैश्य मनोरथ पायो,
श्रद्धा तज दीन्ही ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी,
फिर-स्तुति कीन्हीं ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
भाव भक्ति के कारण,
छिन-छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण कीन्हीं,
तिनको काज सरयो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
ग्वाल-बाल संग राजा,
वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों,
दीनदयाल हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
चढ़त प्रसाद सवायो,
कदली फल, मेवा ।
धूप दीप तुलसी से,
राजी सत्यदेवा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
श्री सत्यनारायण जी की आरती,
जो कोई नर गावै ।
ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति,
सहज रूप पावे ॥
जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥

Mata Ganga Aarti Lyrics in Hindi (माता गंगा लिरिक्स हिंदी में)

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता॥
॥ ओम जय गंगे माता॥
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥
॥ ओम जय गंगे माता॥
एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता।
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता॥
॥ ओम जय गंगे माता॥
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता।
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता॥
॥ ओम जय गंगे माता॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।

Khatu Shyam Aarti Lyrics in Hindi (खाटू श्याम आरती हिंदी में)

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
श्री श्याम विनती: हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये..

Sai Baba Aarti Lyrics in Hindi (साईं बाबा आरती हिंदी में)

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे॥ ॐ जय...॥
दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे।
फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय...॥
काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें।
सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय...॥
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई।
रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय...॥
भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे।
गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ॐ जय साईं हरे ॥
ॐ जय...॥ ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
शिरडी साईं हरे, बाबा ॐ जय साईं हरे॥