Agriculture Sector: कृषि क्षेत्र में चार प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद, 2025 में नए शिखर पर पहुंचेगा खाद्यान्न उत्पादन

Agriculture Sector: दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता की लगातार चुनौती से निपटने के लिए, सरकार 2025 में खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन - तिलहन (एनएमईओ-तिलहन) शुरू करेगी, जिसके लिए 10,103 करोड़ रुपये का पर्याप्त बजट रखा गया है। इस पहल का उद्देश्य लक्षित हस्तक्षेपों और बढ़े हुए समर्थन मूल्य के माध्यम से आयात निर्भरता को कम करना है।

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Agriculture Sector: अनुकूल मानसून के कारण भारत 2025 में खाद्यान्न उत्पादन में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। हालांकि, दलहन और तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण चुनौतियां बनी हुई हैं, क्योंकि देश के कृषि क्षेत्र में मजबूत सुधार के संकेत दिख रहे हैं। कृषि मंत्रालय के शुरुआती अनुमान अनुकूल तस्वीर पेश करते हैं, जिसमें जून, 2025 को समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ (ग्रीष्म) खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 16.47 करोड़ टन होने का अनुमान है। सर्दियों की फसल की बुवाई में लगातार प्रगति हुई है। दिसंबर, 2024 के मध्य तक 2.93 करोड़ हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है, जबकि कुल रबी (सर्दियों) की फसलें 5.58 करोड़ हेक्टेयर में फैली हैं।

कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “सामान्य बारिश के कारण हमारी खरीफ की फसल अच्छी रही।” उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, पूरे वर्ष के लिए फसल की संभावना आशाजनक दिख रही है।’’ हालांकि, उन्होंने फरवरी-मार्च में संभावित गर्मी की लहर के प्रति आगाह किया जो सर्दियों की गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती हैं। कृषि क्षेत्र में मजबूती से वापसी होने का अनुमान है, 2024-25 में इसकी वृद्धि दर 3.5-4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष में 1.4 प्रतिशत थी।

कृषि अर्थशास्त्री एस महेंद्र देव इस सुधार का श्रेय ‘अच्छे मानसून और ग्रामीण मांग में वृद्धि’ को देते हैं। यह वृद्धि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बाढ़ और सूखे से फसलों के प्रभावित होने के बावजूद हुई है। जलवायु परिवर्तन से प्रेरित मौसम संबंधी विसंगतियों ने विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में प्याज और टमाटर की पैदावार को प्रभावित किया है। हालांकि, आगे का रास्ता आसान नहीं है।

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