Cooking oil price: सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन में गिरावट, जानिए अन्य तेलों का हाल

Cooking oil price, Edible oil price: बीते सप्ताह मांग के कमजोर रहने के बीच सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट आई। सोयाबीन तिलहन के दाम में भी गिरावट दर्ज हुई। विदेशों में दाम सुधरने के कारण सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल एवं पामोलीन तेल और सस्ता होने के बीच जाड़े की मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन व बिनौला तेल के दाम में सुधार हुआ।

जानें तेल-तिलहन के दाम (तस्वीर-Canva)

Cooking oil price, Edible oil price: विदेशों के साथ साथ स्थानीय मांग कमजोर रहने के बीच बीते सप्ताह देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में सरसों एवं सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज हुई। जबकि विदेशों में दाम सुधरने के कारण सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा सस्ता होने के बीच जाड़े की मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन तथा बिनौला तेल के दाम में सुधार दर्ज हुआ।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह मांग के कमजोर रहने के बीच सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट आई। कीमत की इस गिरावट की वजह से मंडियों में सरसों की आवक भी घटी है जो पहले के लगभग दो लाख बोरी से घटकर 1.40-1.45 लाख बोरी रह गई। जबकि देश में सरसों की रोजाना मांग 3.5-4 लाख बोरी की है। उन्होंने कहा कि डी-आयल्ड केक (डीओसी) की कमजोर स्थानीय एवं निर्यात मांग के कारण सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट आई जबकि विदेशों में मजबूत होते दाम के कारण बीते सप्ताह सोयाबीन तेल के दाम में सुधार देखने को मिला।

सूत्रों ने कहा कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने किसानों से एमएसपी पर कपास नरमा खरीद तो की पर उससे निकलने वाले बिनौला की बिक्री बाजार भाव से कम या औने पौने दाम पर की जिसके कारण मूंगफली खल, सोयाबीन डीओसी और बाकी अन्य खलों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि सीसीआई को या तो पारदर्शी तरीके से बाजार भाव पर बिनौला बेचना चाहिये था या फिर उसे इसका स्टॉक जमाकर उचित कीमत मिलने तक इंतजार करना चाहिये था। सीसीआई के द्वारा सस्ते दामों पर बिकवाली करने से बाकी तेल-तिलहन का कारोबर भी प्रभावित हुआ है।

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