Monsoon 2024: बीता मानसून, उत्तर प्रदेश में कहां-कितनी हुई बारिश कौन से जिले मेघ को तरसे, जानिए
Monsoon 2024: उत्तरी राज्यों से मानसून निकल रहा है। पूर्वी और सेंट्रल उत्तर प्रदेश प्रदेश में मानसून कमजोर रहा। वहीं पश्चिम में बारिश एवरेज रही। ऐसे में किसान सिंचाई पर निर्भर रहेंगे, जबकि धान की फसल पर दबाव रहेगा। जिन इलाकों में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था नहीं है, वहां फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
2024 में मानसून कैसा रहा
- कमजोर रहा मानसून
- सिंचाई पर निर्भर रहेंगे किसान
- यूपी के कई जिलों में कम बारिश हुई
Monsoon 2024: मानसून अब हिन्दी भाषी राज्यों से निकल रहा है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। बता दें कि धान की फसल और फिर रबी की बुवाई खासकर मिट्टी में नमी लाकर फसल रोपने और उत्पादन में मानसून की भूमिका बहुत अहम रहती है। मानसून गेहूँ (रबी) की फसल में भी मददगार साबित होता है। यहां हम आपको बताएंगे कि इस साल यूपी के प्रमुख जिलों में मानसून कैसा रहा और कहां कितनी बारिश हुई।
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1 जून से अब तक कैसा रहा पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में मानसून
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार मुख्य गन्ना उत्पादन धान और गेहूँ उत्पादन पश्चमी उत्तर प्रदेश में मानसून लगभग सभी मुख्य जिले, संभाग में सामान्य से कम रहा। इससे क्षेत्र में जहाँ सिंचाई व्यवस्था पर्याप्त नहीं है, वह फसल के उत्पादन पर असर डाल सकता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून (आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार 1 जून से अब तक)
जिला | 1 जून से अब तक बारिश | सामान्य बारिश | प्रतिशत |
मुजफ्फरनगर | 621.8 mm | 664.1 mm | -6% |
मेरठ | 596.4 mm | 647 mm | -8% |
मुरादाबाद | 1091.1 mm | 872.9 mm | -25% |
बुलंदशहर | 612.9 mm | 534.1 mm | 15% |
अलीगढ़ | 487.67 mm | 590.3 mm | -17% |
मथुरा | 490.3 mm | 488.5 mm | 0% |
मध्य उत्तर प्रदेश में कैसा रहा मानसून
उत्तर प्रदेश के मध्य-क्षेत्रों में मानसून ने बेरूखी दिखाई और इसका असर अधिकतर हर जिले, संभाग में देखने को मिला है। लखनऊ, रायबरेली, कानपुर देहात और ज्यादातर मध्य-क्षेत्र में प्रर्याप्त वर्षा से कम बारिश दर्ज की गई। इन क्षेत्रों पर मानसून की गतिविधि कम होने के कारण धान की फसल उत्पादन और बुवाई पर असर पड़ सकता है।
मध्य उत्तरप्रदेश के लिए मानसून का आंकड़ा (आईएमडी के मुताबिक 1 जून से अब तक)
जिला | 1 जून से अब तक बारिश | सामान्य बारिश | प्रतिशत |
लखनऊ | 696.7 mm | 683.2 mm | 2% |
कानपुर | 431.5 mm | 577.1 mm | -25% |
रायबरेली | 269.8 mm | 429.6 mm | -37% |
पूर्वी उत्तर प्रदेश खासकर आजमगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, वाराणासी, मिर्जापुर, गोरखपुर और देवरिया क्षेत्र लगभग वर्षा से वंचित रहे और इन क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से बहुत ही कम दर्ज की गई।
ये है पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून का आंकड़ा (आईएमडी के अनुसार 1 जून से अब तक)
जिला | 1 जून से अब तक बारिश | सामान्य बारिश | प्रतिशत |
आजमगढ़ | 786.3 mm | 854.3 mm | -8% |
जौनपुर | 359.3 mm | 729.7 mm | -51% |
प्रयागराज | 581 mm | 730.2 mm | -20% |
वाराणसी | 769.5 mm | 812 mm | -5% |
मिर्जापुर | 589.1 mm | 886.2 mm | -34% |
गोरखपुर | 1189.5 mm | 1252 mm | -5% |
देवरिया | 446.2 mm | 781.4 mm | -43% |
बस्ती | 1276.4 mm | 827.9 mm | 54% |
उत्तर प्रदेश में मानसून की गतिविधि बंगाल की खाड़ी में आए एल-नीनो तूफान से काफी प्रभावित हुई है। इससे राज्य में बारिश को लेकर उताव-चढ़ाव दिखा, क्योंकि तूफान से पूर्वी भारत में अनियमित वर्षा हुई है। हालांकि बारिश का प्रभाव रुक-रुककर सभी क्षेत्रों पर देखा गया, मगर कुल मिलाकर वर्षा कम हुई है। मानसून की कमजोर धाराओं ने भी वर्षों से असर दिखाया है। पूर्वी-उत्तर प्रदेश और मध्य उत्तर प्रदेश कम वर्षा से प्रभावित क्षेत्र रहे हैं।
(यह आर्टिकल khetivyapar के सौजन्य से है)
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