ओडिशा के डिप्टी सीएम के खेतों में उगाए गए ड्रैगन फ्रूट्स को मिला दुबई का बाजार, प्रदेश की कृषि यात्रा में मील का पत्थर
Dragon Fruits Dubai Export: ओडिशा के डिप्टी सीएम केवी सिंह देव के खेतों में जैविक तरीके से उगाए गए ड्रैगन फ्रूट्स को दुबई निर्यात किया गया। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारे राज्य की कृषि यात्रा में यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मुझे अपने किसानों की कड़ी मेहनत और समर्पण को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचते हुए देखकर गर्व हो रहा है।
ओडिशा से ड्रैगन फ्रूट्स का दुबई निर्यात
Dragon Fruits Dubai Export: ओडिशा के डिप्टी सीएम केवी सिंह देव के खेतों में जैविक तरीके से उगाए गए ड्रैगन फ्रूट्स की डिमांड विदेशों में हो रही है। बलांगीर जिले के पटनागढ़ में उगाए गए ड्रैगन फ्रूट्स को दुबई निर्यात किया गया है। वेलोएक्सिम द्वारा 4 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट्स दुबई भेजे गए। यह ओडिशा से ड्रैगन फ्रूट्स का पहला निर्यात है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ((APEDA) और बागवानी निदेशालय ने किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की तकनीकी सहायता इकाई पैलेडियम इंडिया के सहयोग से निर्यात को आसान बनाया।
ओडिशा के लिए मील का पत्थर
डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर बताया कि बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ओडिशा से ड्रैगन फ्रूट के उद्घाटन निर्यात को हरी झंडी दिखाना हमारे राज्य की कृषि यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मुझे अपने किसानों की कड़ी मेहनत और समर्पण को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचते हुए देखकर गर्व हो रहा है, जो वैश्विक कृषि व्यवसाय के क्षेत्र में ओडिशा की क्षमता को मजबूत करता है। यह न केवल हमारे राज्य के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि हमारे लोगों की लचीलापन और दृष्टि का प्रमाण है।
सात एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम और कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री सिंह देव ने एपीडा के साथ सहयोग और राज्य के कृषि निर्यात पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव की सराहना की। मंत्री ने बाजार की जरुरतों और जैविक तरीके से इसकी खेती करने की प्रक्रियाओं के बारे में रिसर्च करने के बाद 2021 में कोविड महामारी के दौरान करीब सात एकड़ क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की।
जैविक खेती पद्धतियों का इस्तेमाल
डिप्टी सीएम केवी सिंह देव के खेतों में अपने चमकीले लाल गूदे और बेहतरीन आकार के लिए मशहूर ड्रैगन फ्रूट की निर्यात किस्म को जैविक खेती पद्धतियों का इस्तेमाल करके उगाया गया था। अच्छी गुणवत्ता के बावजूद स्थानीय बाजार में इसकी मांग नहीं थी, जिसके कारण इसकी कीमतें 120 रुपये से लेकर 160 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम थीं।
जैविक तरीके से उगाए गए फलों की भारी डिमांड
अब करीब तीन वर्षों के बाद पहला स्टॉक दुबई को निर्यात किया गया है। उन्होंने कहा कि जैविक तरीके से उगाए गए फलों और सब्जियों की भारी डिमांड है।
कई रोगों के निदान में मददगार ड्रैगन फ्रूट
जैविक ड्रैगन फ्रूट ने कैंसर रोगियों के लिए जबरदस्त फायदा है और ब्लड प्रेशर को कम करने और शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में प्रभावी रहे हैं। उन्होंने कहा और उम्मीद जताई कि ये ताजे और जैविक उत्पाद हर घर तक पहुंचेंगे, जिससे बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सामने आएंगे।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में जबरदस्त डिमांड
ओडिशा में उत्पादित आम ही नहीं, बल्कि सब्ज़ियां और ड्रैगन फ्रूट जैसी फल फसलें भी अब वह पहचान हासिल कर चुकी हैं जिसके वे हकदार हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 100 प्रतिशत की वृद्धिशील कीमत पर बेची जा रही हैं।
भारत के ड्रैगन फ्रूट की डिमांड अधिक
वेलोएक्सिम के संस्थापक अमलान पटनायक ने कहा कि ड्रैगन फ्रूट एक उच्च मूल्य वाला उत्पाद है। हालाँकि कई देश इसका उत्पादन करते हैं, लेकिन भारत में उत्पादित किस्म की दुबई में अधिक डिमांड है। चूंकि निर्यात में गुणवत्ता मायने रखती है, इसलिए हम FPO और विनिर्माण इकाइयों को सुविधा प्रदान कर रहे हैं जो गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं बना रही हैं।
सब्जियों और अन्य फल भी होते हैं निर्यात
पैलेडियम के एसोसिएट डायरेक्टर बिस्वजीत बेहरा ने कहा कि आम, काजू और लौकी, करेला और भिंडी जैसी सब्जियों के बाद ड्रैगन फ्रूट वैश्विक बाजार में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि मई में निर्यात यात्रा शुरू होने के बाद से ओडिशा के कई जिलों से उत्पादों को दुनिया भर के सात अलग-अलग देशों में निर्यात किया गया है। सूत्रों ने कहा कि निर्यात पहल ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में फल की कीमत 250 रुपये से 260 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ा दी है।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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