PM Asha Yojana: सरकार ने दी पीएम-आशा योजना की मंजूरी, किसानों को मिलेंगे फसलों के बेहतर दाम

PM-Asha Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए जरूरी वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दी गई। इसके लिए 35 हजार रुपये खर्च करने की मंजूरी दे दी।

किसानों के हितों के लिए सरकार ने लिया बड़ा फैसला

PM-Asha Yojana: सरकार ने किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए 35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम-आशा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दी गई। इसमें कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान 2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35,000 करोड़ रुपये का होगा।
सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम-आशा में एकीकृत किया है। सरकार ने कहा कि पीएम-आशा की एकीकृत योजना, कार्यान्वयन में अधिक प्रभावशीलता लाएगी, जो न केवल किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद करेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करके आवश्यक वस्तुओं की मूल्य अस्थिरता को भी नियंत्रित करेगी। पीएम-आशा में अब मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ), मूल्य घाटा भुगतान योजना (पीओपीएस) और बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के घटक होंगे। पीएम-आशा किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक योजना है।
पीएसएस के तहत, सत्र 2024-25 से एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और नारियल गरी की खरीद राष्ट्रीय उत्पादन का 25 प्रतिशत होगी। इससे राज्यों को ‘संकट’ बिक्री को रोकने के लिए किसानों से एमएसपी पर इन फसलों की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी। सरकार ने कहा कि हालांकि, सत्र 2024-25 के लिए अरहर, उड़द और मसूर के मामले में यह सीमा लागू नहीं होगी क्योंकि 2024-25 सत्र के दौरान अरहर, उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद होगी, जैसा कि पहले तय किया गया था।
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