Cotton Production: कपास किसान अब यूज करेंगे अकोला मॉडल, डबल हो जाएगा प्रोडक्शन !

Cotton Production: दुनियाभर में जापान, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, चीन में 2,000-2,200 किलोग्राम कपास पैदावार होती है, जिसमें से 35 प्रतिशत कपास का उत्पादन होता है, जबकि भारत में उत्पादन 450-500 किलोग्राम ही है।

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कॉटन उत्पादन

Cotton Production:केंद्र सरकार ने 11 टॉप कपास उत्पादक राज्यों में प्रति हेक्टेयर 1,000 किलोग्राम कपास उपज का लक्ष्य निर्धारित किया है। असल में कपास उत्पादन का अकोला मॉडल पूरे कपास क्षेत्र में फेमस हो रहा है। और सरकार अब उसे दूसरे किसानों के जरिए लागू करना चाहती हैं। मौजूदा समय में भारत की उपज लगभग 450 किलो प्रति हेक्टेयर है जो चीन, आस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे प्रतिस्पर्धी देशों से काफी कम है।

गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब और ओडिशा भारत के शीर्ष कपास उत्पादक राज्यों में से हैं।

क्या है प्लान

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार ने 11 शीर्ष कपास उत्पादक राज्यों में प्रति हेक्टेयर 1,000 किलोग्राम कपास उपज का लक्ष्य निर्धारित किया है क्योंकि इसका उद्देश्य महाराष्ट्र के अकोला में अपनाए गए सबसे अच्छे खेती के तौर-तरीकों को दोहराना है। कपास उत्पादन का अकोला मॉडल, जिसे उच्च घनत्व रोपण (एचडीपीएस) मॉडल के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी तकनीक है जिसमें कम जगह में अधिक कपास के पौधे लगाए जाते हैं। कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए अकोला में इस मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है और उम्मीद है कि पूरे देश में इसकी नकल की जाएगी।

क्या है अकोला मॉडल

महाराष्ट्र के अकोला में अपनाये गये बेहतर तौर-तरीकों के आधार पर कपास उत्पादन के लिए एक मॉडल तय किया है और उसे विकसित किया है। यह सच है कि दुनियाभर में जापान, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, चीन में 2,000-2,200 किलोग्राम कपास पैदावार होती है, जिसमें से 35 प्रतिशत कपास का उत्पादन होता है, जबकि हमारा उत्पादन 450-500 किलोग्राम ही है।केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने आगे कहा कि पैदावार में सुधार के लिए कपास उद्योग के सभी अंशधारकों का सहयोग आवश्यक है। सिंह ने कहा कि हमने सभी अंशधारकों के सहयोग के आधार पर अकोला मॉडल के आधार पर 11 राज्यों में 1,000 किलोग्राम उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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