Garlic Price: लहसुन की कीमत कैसे हो गई 400 रुपये किलो? जानिए वजहें
Garlic Price: लहलुन की कीमत लगातार बढ़ रही है। यह 400 रुपये किलो तक हो गया है। इस पर राजनीति भी होने लगी है। आइए जानते हैं इतनी महंगी कैसे हो गई?
क्यों बढ़ गई लहसुन की कीमतें
Garlic Price: लहलुन की कीमत आसमान छू रही है। इसको लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है। राहुल गांधी की बातों से ऐसा लग रहा है कि जैसे मोदी के आने से पहले लहसुन 40 रुपये में बिक रहा था और मोदी आ गए तो लहसुन 400 रुपये में बिकने लगा। इस दावे का सच क्या है? उस 400 रुपये किलो लहसुन का पूरा सच जानिए। लहसुन की खेती सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में होती है। देश में अकेले 62.85 प्रतिशत लहसुन का उत्पादन एमपी के किसान करते हैं। साल 2022 में मध्य प्रदेश में लहसुन का रेट इतना कम था कि किसानों को उचित दाम मिलना मुश्किल था, किसान लहसुन से भरी ट्राली सड़क पर फेंक रहे थे। मंडी में लहसुन 10 रुपये किलो भी नहीं बिक रहा था, लेकिन अगस्त 2023 से लहसुन के दाम ऐसे बढ़े की अब कीमत 400 रुपये किलो पहुंच गई है। यानी लहसुन पिछले कुछ एक साल में ही महंगा हुआ है, और लहसुन की कीमत बढ़ने की कई वजह भी है।
लहसुन की कीमत बढ़ने की वजहें
पहली वजह तो लहसुन का एक्सपोर्ट बढ़ना है। ज्यादा फायदे के लिए व्यापारी लहसुन का एक्सपोर्ट ज्यादा कर रहे हैं। जिससे घरेलू मार्केट में लहसुन की सप्लाई कम हो रही है। दूसरी वजह है मौसम की मार। इस साल मार्च में बिगड़े मौसम की वजह से लहसुन की फसल को नुकसान हुआ और देशभर में लहसुन की सप्लाई कम हो गई और रेट बढ़ गए।
लहसुन की फसल सितंबर और अक्टूबर में लगाई जाती है और जनवरी से मार्च के बीच पैदावार होती है। लेकिन भीषण गर्मी की वजह से यूपी और गुजरात से आने वाली लहसुन की फसल को नुकसान हुआ। जिस वजह से पूरे देश में लहसुन की डिमांड राजस्थान और एमपी पर टिक गई जिससे सप्लाई कम हो गई औ दाम आसमान छूने लगे। यानी ये सीधे सीधे डिमांड सप्लाई का खेल है कई बार कुछ फसलों को लेकर ऐसा होता है कि मौसम की वजह से या किसी दूसरी वजह से चीजें महंगी हो जाती हैं।
इसी साल सितंबर में SBI की रिपोर्ट आई थी जिसमें ये बताया गया कि भारत ने दुनिया की बड़ी इकॉनमी जैसे अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस के मुकाबले महंगाई को बेहतर तरीके से कंट्रोल किया है। साल 2023 में भारत ने अपने महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के टारगेट रेंज से ज्यादा नहीं बढ़ने दिया। इकनॉमिक सर्वे 2024 के मुताबिक 2021-2023 के बीच दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले में भारत में अपने महंगाई के टारगेट को न्यूनतम रेंज में रखा। साल 2023 में भारत की महंगाई दर ग्लोबल महंगाई दर से 1.4% कम रही।
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