Rice Exports: चावल के एक्सपोर्ट से हटा बैन, तो 50 डॉलर पहुंच जाएगा भारत का कृषि एक्सपोर्ट

चावल, गेहूं और चीनी के एक्सपोर्ट पर लगी रोक से कृषि एक्सपोर्ट पर लगभग 6-7 अरब डॉलर का असर पड़ता है। अच्छी मांग और गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर लगी रोक हटने से देश का कृषि एक्सपोर्ट चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 50 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। वाणिज्य मंत्रालय वर्ष 2030 तक कृषि एक्सपोर्ट को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

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चावल के एक्सपोर्ट से हटा बैन, तो 50 डॉलर पहुंच जाएगा भारत का कृषि एक्सपोर्ट

तस्वीर साभार : PTI

Rice Exports: अच्छी मांग और गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर लगी रोक हटने से देश का कृषि एक्सपोर्ट चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 50 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही। अधिकारी ने कहा कि चावल, गेहूं और चीनी के एक्सपोर्ट पर लगी रोक से कृषि एक्सपोर्ट पर लगभग 6-7 अरब डॉलर का असर पड़ता है। अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन अब चावल पर प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, हमें उम्मीद है कि कृषि एक्सपोर्ट 50 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। अबतक का रुझान अच्छा है। हालांकि, वृद्धि अभी सकारात्मक नहीं है लेकिन अब चावल खुल गया है, दिसंबर के अंत तक हम सकारात्मक क्षेत्र में होंगे।’’

बढ़ेगा चावल का एक्सपोर्ट

चावल का एक्सपोर्ट पिछले साल के 1.4-1.5 करोड़ टन के मुकाबले इस वित्त वर्ष में 1.7-1.8 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है।अधिकारी ने कहा, ‘‘इससे एक्सपोर्ट को काफी बढ़ावा मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि बासमती चावल की खेप 55 लाख टन तक पहुंच सकती है, जबकि उष्णा चावल की खेप 70-80 लाख टन और गैर-बासमती चावल की खेप 40 लाख टन से अधिक हो सकती है। जिन मुख्य वस्तुओं में अच्छी वृद्धि दर्ज की जा रही है, उनमें फल, सब्जियां, मांस और इसके उत्पाद, पेय पदार्थ और खाद्य प्रसंस्करण शामिल हैं। गेहूं पर एक्सपोर्ट प्रतिबंध हटाने पर किसी चर्चा के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई योजना नहीं है।

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100 अरब डॉलर का लक्ष्य

वाणिज्य मंत्रालय वर्ष 2030 तक कृषि एक्सपोर्ट को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

अक्टूबर में सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल की विदेशी खेप पर लगे प्रतिबंध हटा दिए और उष्णा चावल तथा भूरा चावल को एक्सपोर्ट शुल्क से छूट दे दी। ये उपाय ऐसे समय में किए गए हैं, जब देश में सरकारी गोदामों में चावल का पर्याप्त स्टॉक है और खुदरा कीमतें भी नियंत्रण में हैं। इस वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त के दौरान देश ने 20.1 करोड़ डॉलर मूल्य का गैर-बासमती सफेद चावल एक्सपोर्ट किया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 85 करोड़ 25.2 लाख डॉलर था।

इन्हें भेजा जा रहा था एक्सपोर्ट

हालांकि एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध था, लेकिन सरकार मालदीव, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अफ्रीकी देशों जैसे मित्र राष्ट्रों को एक्सपोर्ट खेप भेजने की अनुमति दे रही थी। चावल की इस किस्म का भारत में व्यापक रूप से सेवन किया जाता है और वैश्विक बाजारों में भी इसकी मांग है, खासकर उन देशों में जहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध उन कारकों में से एक है जिसने खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है।

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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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