नई फसल आने से पहले, सरसों के तेल और तिलहन की कीमतों में आई गिरावट, यहां देखें नए दाम

देश के तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों तेल-तिलहन के थोक दाम टूट गये। मंहगे दाम के कारण डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग न होने से सोयाबीन तिलहन कीमत में भी गिरावट देखी गई। बाजार सूत्रों के अनुसार सरसों की नयी फसल के फरवरी के मध्य में मंडियों में आने की संभावना है और इससे पहले इसके दाम टूटते दिखे। वहीं मंहगे दाम पर सोयाबीन डीओसी की मांग कमजोर रहने से सोयाबीन तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।

सरसों के तेल और तिलहन की कीमतों में आई गिरावट

Mustard Oil And Seed Prices: मंडियों में सरसों की नयी फसल आने की सुगबुगाहट से पहले देश के तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों तेल-तिलहन के थोक दाम टूट गये। मंहगे दाम के कारण डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग न होने से सोयाबीन तिलहन कीमत में भी गिरावट देखी गई। दूसरी ओर बाजार में कपास की आवक घटने की वजह से बिनौला तेल के दाम सुधार के साथ बंद हुए। वहीं मंदा कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, पैसों की तंगी के बीच आयात लागत से कम पर बिकवाली करने से सोयाबीन तेल, लिवाली ना होने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन के दाम अपरिवर्तित रहे।

कब आएगी नई फसल

बाजार सूत्रों के अनुसार सरसों की नयी फसल के फरवरी के मध्य में मंडियों में आने की संभावना है और इससे पहले इसके दाम टूटते दिखे। वहीं मंहगे दाम पर सोयाबीन डीओसी की मांग कमजोर रहने से सोयाबीन तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि निरंतर कपास की घटती आवक के कारण कपास से निकलने वाले बिनौला सीड की कम पेराई होने से बिनौला तेल के दाम में सुधार आया। कपास की आवक दिसंबर के लगभग 2 लाख 40 हजार गांठ से घटकर अभी एक लाख 10 हजार गांठ रह गई है।

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