प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, पालक, लौकी जैसी हरी सब्जियों की कीमतों में उछाल, जानिए क्या हैं वजहें

Vegetables Prices Rise: प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, पालक, लौकी जैसी हरी सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। इसके कई कारण है प्रमुख उत्पादक राज्यों में अत्यधिक बारिश के कारण फसलें और सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण भी सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं। बुवाई में देरी और आपूर्ति प्रभावित होने से भी सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है। सरकार मोबाइल वैन के जरिये सब्जियां बेचकर कीमतों को स्थिर करने के लिए हस्तक्षेप कर सकती है।

सब्जियों की कीमतों में तेजी

Vegetables Prices Rise: इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में सब्जियों की कीमतों ने आम लोगों को पसीना छुड़ा दिया है। इस पर एशिया की सबसे बड़ी सब्जी और फल थोक मंडी आजादपुर मंडी के व्यापारियों ने बताया कि पिछले एक महीने में सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है, क्योंकि इसकी खेती होने वाले इलाकों में अत्यधिक बारिश ने फसलों और सड़कों को नुकसान पहुंचाया है। इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक आजादपुर मंडी के एक सब्जी व्यापारी ने बताया कि पिछले दो हफ्तों से मंडी में आवक कम हुई है, जिससे कीमतों में उछाल आया है। महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के मद्देनजर यह उछाल आया है।

प्याज टमाटर समेत इन सब्जियों के दाम में इजाफा

आजादपुर मंडी के व्यापारियों ने बताया कि महानगरों के अधिकांश खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, जबकि शिमला मिर्च, पालक और लौकी जैसी हरी सब्जियां खुदरा बाजार में 100 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्याज का मॉडल मूल्य सरकार द्वारा गणना की गई एक प्रकार की औसत कीमत 25 सितंबर को 53.46 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक महीने पहले 46 रुपये से 16.55% अधिक है, जबकि इस अवधि के दौरान टमाटर की कीमत 46 रुपये प्रति किलोग्राम से 9% बढ़कर 50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।

इस वजह से बढ़ी सब्जियों की कीमत

बरसात के मौसम में सब्जियों की कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं क्योंकि बारिश की वजह से कटाई, तुड़ाई और पैकेजिंग प्रभावित होती है। इसके अलावा, परिवहन में व्यवधान के कारण सब्जियों की बर्बादी बढ़ जाती है, जिससे कीमतों पर और असर पड़ता है। इस साल भीषण गर्मी ने भी मेन प्रोडक्शन इलाके में फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
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