Potato-Onion-Tomato Prices: आलू, प्याज, टमाटर की खुदरा कीमतों गिरावट, अभी और नरमी के आसार? जानिए क्या कहते हैं अर्थशास्त्री
Potato, Onion, Tomato Prices: आलू, टमाटर और प्याज की खुदरा कीमतों में पिछले एक सप्ताह में 20-25% की गिरावट आई है, लेकिन महंगाई को कम करने के लिए यह नाकाफी है। अगले कुछ महीनों में इनकी कीमतें और कम होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं अर्थशास्त्री क्या कहते हैं।
आलू,प्याज, टमाटर की कीमतों में क्यों आई गिरावट, जानिए वजह (तस्वीर-Canva)
Potato, Onion, Tomato Prices: भारतीय घरों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली मुख्य सब्जियों आलू, टमाटर और प्याज की खुदरा कीमतों में पिछले एक सप्ताह में 20-25% की गिरावट आई है, हालांकि यह पिछले दिसंबर की तुलना में अभी भी अधिक है। व्यापारियों का कहना है कि पिछले 6 महीनों में कीमतों में काफी उछाल आया है और इसलिए पिछले साल के स्तर पर पहुंचने में समय लगेगा। जनवरी के मध्य तक कीमतें मौजूदा स्तर से और कम हो जाएंगी और पिछले साल के बराबर हो सकती हैं, जिससे आने वाले महीनों में खाद्य महंगाई दर (Food inflation) पर नरमी का असर पड़ने की उम्मीद है।
क्यों आई आलू की कीमतों में गिरावट?
आलू की कीमतों में गिरावट आई है क्योंकि फसल के लिए रकबा बढ़ा है, सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में नई फसल की आवक मजबूत है और कोल्ड स्टोरेज जो कीमतों में और वृद्धि के लिए स्टॉक रखे हुए थे, अब पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ईटी के मुताबिक उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि 2025 में आलू की कीमतें निचले स्तर पर रहेंगी क्योंकि उत्पादन मजबूत होने और पश्चिम बंगाल में रकबा बढ़ने की उम्मीद है।
क्यों आई टमाटर की कीमतों में गिरावट?
ईटी के मुताबिक आजादपुर मार्केट टोमैटो एसोसिएशन के सदस्य अशोक कौशिक ने कहा कि टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है क्योंकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में उत्पादन अधिक रहा है और देश भर की मंडियों (थोक बाजारों) में आवक में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि कीमतों में और सुधार होगा।
प्याज के दामों में भी गिरावट
नवंबर में पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुके प्याज के दामों में देशभर में नई फसल की आवक बढ़ने के साथ ही गिरावट आनी शुरू हो गई है। देश में प्याज की कीमतें तय करने वाले महाराष्ट्र के बेंचमार्क लासलगांव थोक बाजार में पिछले पखवाड़े में प्याज की औसत कीमत 36 प्रतिशत गिरकर 1 दिसंबर को 37 रुपये प्रति किलोग्राम से सोमवार को 23.5 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। नवंबर के दौरान अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज की अधिकतम कीमत थोक बाजार में लगातार 50 रुपये प्रति किलोग्राम और खुदरा व्यापार में 80 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास बनी हुई थी। पिछले साल दिसंबर में प्याज का भाव खुदरा बाजार में 22 रुपये प्रति किलो था। कम समय तक खराब होने वाले प्याज की उपलब्धता बढ़ने से जनवरी में भी प्याज की कीमतों पर दबाव रहने की उम्मीद है।
रबी की फसल का रकबा बढ़ने की उम्मीद
उद्योग के अनुमान के मुताबिक, खरीफ की लेट सीजन की प्याज का उत्पादन पिछले साल से 135 फीसदी ज्यादा रहने की उम्मीद है, जबकि रबी की फसल का रकबा भी बढ़ने की उम्मीद है, जिसकी कटाई मार्च से होगी और अगले साल के लिए भंडारित किया जाएगा। इसकी वजह बारिश में बढ़ोतरी और पानी की उपलब्धता है। ईटी के मुताबिक पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के सदस्य पतित पावन डे ने बताया कि इस साल पश्चिम बंगाल में आलू की खेती का रकबा 10 फीसदी बढ़ा है। राज्य में 4.7 लाख हेक्टेयर में आलू की खेती होती है। पिछले साल उत्तर प्रदेश में 160 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था, जबकि बंगाल में 90 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था।
महंगाई पर क्या कहते हैं अर्थशास्त्री
इकॉनोमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक क्रिसिल के चीफ अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि भारत में टमाटर, आलू और प्याज सबसे ज्यादा खपत वाली सब्जियां हैं। इन तीनों की कीमतें पिछले कुछ समय से ऊंची बनी हुई हैं। चौथी तिमाही में सब्जियों की महंगाई धीरे-धीरे कम होगी। हमारा अनुमान है कि मार्च में कुल महंगाई 4.5% से नीचे आ जाएगी। ईटी के मुताबिक भारतीय सांख्यिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर और अर्थशास्त्री दीपांकर दासगुप्ता ने कीमतों में गिरावट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं टॉप (टमाटर, प्याज, आलू) की कीमतों में गिरावट के कारण महंगाई दर में नरमी की उम्मीद करता हूं। औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन कीमतों में गिरावट के बाद भी अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वालों के लिए मौजूदा कीमतें तब तक परेशानी का सबब बनी रहेंगी, जब तक कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट नहीं आ जाती।
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रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें
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