Seed Producing Park: किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए 'सीड पार्क' लगाएगी योगी सरकार, दूसरे राज्यों पर निर्भरता होगी कम
Seed Producing Park: राज्य सरकार हर साल हाइब्रिड बीजों की खरीद पर करीब 3,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। ये बीच खास तौर से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से। 22% गेहूं, 51% धान, 74% मक्का, 95% जौ, 50% दालें और 52% तिलहन के बीज दूसरे राज्यों से मंगवाए जाते हैं।
'सीड पार्क' लगाएगी योगी सरकार
- 'सीड पार्क' लगाएगी योगी सरकार
- किसानों को बीज उपलब्ध कराए जाएंगे
- हाई-क्वालिटी बीज होंगे
Seed Producing Park: किसानों को सशक्त बनाने और कृषि उत्पादन में सुधार लाने के मकसद से यूपी की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन के लिए एक खास योजना पेश की है। इस योजना के तहत, पूरे राज्य में पांच बीज पार्क स्थापित किए जाएंगे, जो पश्चिमी, तराई, मध्य, बुंदेलखंड और पूर्वी क्षेत्रों में मौजूद होंगे। ये पार्क हर क्षेत्र की विशिष्ट कृषि-जलवायु परिस्थितियों से पूर्ति करेंगे।
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कम से कम 200 हेक्टेयर क्षेत्र
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाए जाने वाले इन पार्कों में से प्रत्येक में कम से कम 200 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल होगा। इस उद्देश्य के लिए बेसिक फैसिलिटीज से लैस 6 सरकारी फार्म निर्धारित किए गए हैं।
दिया जाएगा पट्टे पर
इन फार्मों को इच्छुक लोगों को पट्टे पर दिया जाएगा, जिनमें से दो 200 से 300 हेक्टेयर के बीच होंगे, और दो बड़े फार्म 400 हेक्टेयर से अधिक के होंगे। इस पहल से अन्य राज्यों से बीजों पर निर्भरता कम होने, फसल की पैदावार में सुधार होने और राज्य में कृषि उपज की गुणवत्ता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
हर साल 3000 करोड़ खर्च
राज्य सरकार हर साल हाइब्रिड बीजों की खरीद पर करीब 3,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। ये बीच खास तौर से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से। 22% गेहूं, 51% धान, 74% मक्का, 95% जौ, 50% दालें और 52% तिलहन के बीज दूसरे राज्यों से मंगवाए जाते हैं।
सबसे ज्यादा खेती योग्य जमीन
राज्य के कृषि विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में भारत में सबसे ज्यादा खेती योग्य जमीन है, जो 166 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 80 प्रतिशत से ज़्यादा ज़मीन सिंचित है। राज्य में लगभग तीन करोड़ परिवारों की आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि है।
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