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Pollution Free Agra: आगरा में प्रदूषण से मिलेगी निजात, शहर से बाहर जाएंगी 30 इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां

Updated Jun 01, 2022 | 17:35 IST

Pollution Free Agra: आगरा में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। आगरा में काम करने वाली इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां शहर से बाहर लगाई जाएंगी। इनके शिफ्ट होने से आबादी वाले क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर कम होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
आगरा में शहर से बाहर जाएंगी 30 इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • आगरा में शहर से बाहर जाएंगी 30 इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां
  • प्रदूषण कम करने की कवायद, इकाइयों ने खरीदी जमीन
  • पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के साथ यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी हरी झंडी

Pollution Free Agra: आगरा में अब लोगों को प्रदूषण से निजात मिलेगी। ताजनगरी में काम करने वाली इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां शहर से बाहर जाएंगी। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के साथ उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन्हें हरी झंडी दे दी है। इकाइयों ने सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में जमीन खरीद ली है। अब इन्हें यहां ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करना होगा। शहर के कई रिहायशी इलाकों में ऐसी इकाइयां चल रही हैं। इनसे कई तरह का प्रदूषण होता है। इसी कारण से ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) के तहत इन्हें 2015 में शहर से बाहर जाने के निर्देश दिए गए थे। पर्यावरण, वन और मौसम बदलाव मंत्रालय ने भी इसी तरह के आदेश जारी किए थे। इस पर इकाइयों ने मिलकर ‘इंडस्ट्रियल एरिया लखनपुर स्मॉल इलेक्ट्रोप्लेटिंग एसोसिएशन’ बनाई। 

इसकी अधिकतर इकाइयां खातीपाड़ा लोहामंडी में काम करती हैं। 22 जून 2018 को एसोसिएशन ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से औद्योगिक क्षेत्र में ‘कॉमन एम्फ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट’ विकसित करने की अनुमति मांगी थी। वहां से दिसंबर 2021 में स्वीकृति मिल गई। 

तीन महीनों में हो जाएंगी शिफ्ट

अब स्टेट एनवायरनमेंट इंपेक्ट असिस्मेंट अथॉरिटी (सीआ) और प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एसोसिएशन को प्लांट बनाने की अनुमति जारी कर दी है। एक अनुमान के मुताबिक ट्रीटमेंट प्लांट विकसित करने में तीन महीने का समय लग सकता है। हालांकि इस पर काम शुरू हो गया है। प्लांट बनने के बाद पहले चरण में 30 इकाइयां शिफ्ट हो जाएंगी। इसके बाद अन्य छोटी इकाइयों को भी वहां जमीन मिल जाएगी। आपको बता दें कि इन इकाइयों में धातु की वस्तुओं को चमकाने के लिए सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है। यह रसायन काफी हानिकारक होते हैं। 

कम हो जाएगा प्रदूषण का स्तर

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एसोसिएशन को प्लांट लगाने की अनुमति दे दी गई है। अब शहर से इकाइयों को शिफ्ट करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इनके शिफ्ट होने से आबादी वाले क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर कम होगा।

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