- आगरा में व्यापारियों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
- पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
- गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में उगले बड़े राज
Agra Crime: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का खुलासा किया है, जो व्यापारियों को ठगी का शिकार बनाता था। पुलिस ने इस गिरोह के चार आरोपियों को दबोचा है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि, वे ऑनलाइन सर्च करके और जस्ट डायल से मोबाइल नंबर लेकर व्यापारियों को कॉल करते थे। वहीं सस्ती ब्याज दर के साथ लोन दिलाने का लालच देकर उन्हें झांसे में ले लेते थे। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में और भी कई बड़े खुलासे किए हैं।
बता दें कि पुलिस ने रविवार को इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए नई मंडी निवासी अशोक शर्मा, गाजियाबाद के मोदीनगर निवासी कमल शर्मा, अनिल कुमार और गुरुग्राम निवासी देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। बताया गया कि इन आरोपियों ने बीती चार जुलाई को अलीगढ़ में एक निजी बैंक से 2.90 लाख रुपया निकाले थे। यही नहीं इसके बाद इन आरोपियों ने सात जुलाई को मेरठ शहर में अन्य निजी बैंक से 3.20 लाख रुपये निकाले थे। यह गैंग दिल्ली-एनसीआर से जुड़ा हुआ है।
अनिल जैन हुए थे शिकार
पुलिस के अनुसार बीती 21 जुलाई को आशीष नाम के एक युवक ने व्यापारी अनिल जैन के पास कॉल की थी। उसने अनिल जैन को सस्ती ब्याज दर के साथ बैंक से लोन दिलाने की बात कही थी। इसके दो दिन बाद प्रशांत और नीरज नाम के दो युवक अनिल जैन की फैक्ट्री में सर्वे करने आए। इसके बाद उन्होंने अनिल जैन से लोन के लिए जरूरी सभी दस्तावेज लेकर जल्दी लोन दिलाने का वादा किया। वहीं एक अगस्त को संदीप शर्मा नाम के युवक द्वारा बैंक में फर्जी आईडी लगाकर 6.20 लाख रुपये निकालने की जानकारी उनके मोबाइल पर मिली। इसके बाद उन्होंने छत्ता थाने में मामला दर्ज कराया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से बरामद हुआ यह सामान
पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों के पास से नगदी समेत भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ है। एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि, आरोपियों के पास से एक कार, छह लाख रुपये की नगदी, चार मोबाइल, आधार कार्ड, चेक और पैन कार्ड सहित अन्य कागजात बरामद किए गए हैं। वहीं आरोपियों ने ठगी करने का राज पूछताछ के दौरान उजागर किया है। उन्होंने बताया कि, ऑनलाइन सर्च करके या जस्ट डायल से मोबाइल नंबर निकालते थे। फिर इन नंबरों पर फोन करके लोन का झांसा देकर व्यापारियों को ठगी का शिकार बनाते थे।