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Agra:आगरा में बड़ा खुलासा,शिक्षक बनने के लिए लगा दिया यूजीसी नेट का फर्जी प्रमाण पत्र, सच्चाई जान हर कोई हैरान

Updated Jun 13, 2022 | 15:21 IST

Agra: आगरा में यूजीसी के फर्जी प्रमाण पत्र को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों पर पाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करने पर फर्जी वेबसाइट का लिंक खुला।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय
मुख्य बातें
  • आगरा में बड़ा खुलासा
  • जांच में पाए गए यूजीसी नेट के फर्जी प्रमाण पत्र
  • दोनों अभ्यर्थियों से की गई पूछताछ

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर दो अभ्यर्थियों के यूजीसी नेट के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। जांच में पता चला कि यूजीसी की फर्जी वेबसाइट भी बनाई गई। वहीं क्यूआर कोड स्कैन करने पर फर्जी वेबसाइट का लिंक खुल गया। मामले का खुलासा होने पर चयन समिति के विशेषज्ञ ने कुलसचिव को मामले की जानकारी दे दी गई।

इन दोनों अभ्यर्थियों से की गई पूछताछ

बताया गया कि, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध निजी कॉलेज श्री गिर्राज महाराज महाविद्यालय, गोवर्धन चौराहा, मथुरा में कंप्यूटर साइंस विषय के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आए अभ्यर्थियों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। विश्वविद्यालय के जेपी सभागार में आठ जून को चयन समिति थी। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) के निदेशक प्रो. वीके सारस्वत और कंप्यूटर सेंटर के हेड प्रो. अनिल कुमार गुप्ता विशेषज्ञ के तौर पर शामिल थे। दो अभ्यर्थी विजय प्रकाश मौर्या (निवासी 131, कुंडरिया, मिर्जामुराद, वाराणसी) और अयोध्या प्रसाद (तिवारीपुर, कछांवा, मिर्जापुर) पहुंचे थे। 

दोनों अभ्यर्थी नहीं दे पाए सवालों के जवाब

इसके बाद दोनों अभ्यर्थियों से उनके विषयों सें संबंधित प्रश्न पूछे गए। विषयों से संबंधित सवालों के बारे में पूछे जाने पर वे सही उत्तर नहीं दे पाए थे। पूछताछ करने पर पता चला कि उन्हें विषय की ठीक से जानकारी नहीं थी। अयोध्या प्रसाद का यूजीसी नेट का रोल नंबर- 73007126 और विजय प्रकाश मौर्या का रोल नंबर- यूपी 1804507153 था। दोनों के प्रमाण पत्रों पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। 

क्यूआर कोड को स्कैन पर फर्जी वेबसाइट का भी खुलासा

वहीं दोनों अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन पर फर्जी वेबसाइट खुली, जिसका लिंक ugcnetonlin.in.net खुला। इसके बाद दोनों अभ्यर्थियों से सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि उनके यूजीसी नेट के प्रमाण पत्र फर्जी हैं। उनको राजेंद्र नामक व्यक्ति ने फर्जी प्रमाण पत्र देकर साक्षात्कार के लिए भेजा था। प्रोफेसर वीके सारस्वत ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव को लिखित में इस मामले की जानकारी दी है। विवि के प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा का कहना है कि, इस मामले में जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि यूजीसी को भी जानकारी दी जाएगी कि उनकी फर्जी वेबसाइट बनाई गई है।

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