- आगरा के लोगों के लिए गुड न्यूज
- आगरा में नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद स्मार्ट बनेंगी
- अगले पांच साल में कराया जाएगा विकास
Agra Smart City: ताजनगरी आगरा के लोगों के लिए गुड न्यूज है। अब आगरा में नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद स्मार्ट बनेंगी। यहां लोगों को बेहतरीन सुविधाएं मिलेंगी। अगले पांच साल में इनका संपूर्ण तरीके से विकास किया जाएगा। आपको बता दें कि आगरा में स्मार्ट सिटी के तहत अब नगर पंचायतों और नगर पालिका परिषदों को स्मार्ट किया जाएगा। यह योजना प्रदेश की सरकार की ओर से तैयार की जा रही है। इसके तहत प्रदेश की 17 स्मार्ट सिटी करीब 202 नगरीय निकायों को चुना गया है लेकिन प्रथम चरण में 102 नगरीय निकायों के लिए प्लान तैयार किया जाएगा।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात से जारी शासनादेश के मुताबिक स्मार्ट सिटी की पीएमसी के माध्यम से जो डीपीआर तैयार की जाएगी वह जिलाधिकारी द्वारा गठित कमेटी के अनुमोदन के बाद स्मार्ट सिटी मिशन निदेशालय को भेजी जाएगी।
अगले पांच वर्षों में कराया जाएगा संपूर्ण तरीके से विकास
अगले पांच वर्षों में इनका विकास किया जाएगा। इस योजना के तहत आगरा को भी चुना गया है। आगरा की पांच नगर पालिकाओं में विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके तहत आगरा में स्मार्ट रोड तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा स्मार्ट पार्किंग बनाई जाएंगी। वाहन पार्किंग करने वालों को कोई परेशानी नहीं होगी। ताजनगरी में स्मार्ट हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे। स्ट्रीट लाइट आटोमेशन लगेंगी। प्लेस मेकिंग, पब्लिक बाइसिकिल शेयरिंग और सोलर ट्री एंड स्मार्ट सोलर बेंच लगेंगी। जिले की शमसाबाद, एत्मादपुर, बाह, फतेहपुर सीकरी, अछनेरा नगर पालिकाओं का इस योजना के लिए चयन हुआ है।
आगरा स्मार्ट सिटी की पीएमसी समय सीमा समाप्त होने को
नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि नगर पालिकाओं में स्मार्ट सिटी के तरह डीपीआर बनाने के लिए शासनादेश हुआ है। इसकी डीपीआर स्मार्ट सिटी के तहत गठित पीएमसी/टीएसजी के माध्यम से तैयार करानी है लेकिन आगरा स्मार्ट सिटी की पीएमसी की समय सीमा समाप्त हो रही है। शासन से दिशा निर्देश प्राप्त किए जाएंगे।
स्मार्ट सिटी के 1100 करोड़ के काम जुलाई में होंगे हैंडओवर
गौरतलब है कि आगरा में स्मार्ट सिटी कंपनी के सभी 1100 करोड़ रुपये के काम अगले महीने जुलाई तक पूरे हो जाएंगे। आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी की बोर्ड मीटिंग में सभी योजनाओं का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन्हें संबंधित विभागों को हैंडओवर करने का निर्णय लिया गया। पानी की 142.61 करोड़ रुपये की ताजगंज योजना, 100 करोड़ रुपये की सीवरेज योजना समेत 11 योजनाओं को हैंडओवर किया जाना है।