- आगरा जिले के सभी परिषदीय विद्यालय होंगे स्मार्ट
- फाइबर कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे विद्यालय
- बेहतर शिक्षा के लिए प्रोजेक्टर, लैपटॉप, एलसीडी का होगा इस्तेमाल
Agra Smart Class: ताजनगरी आगरा में बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए एक और कदम उठाया है। अब परिषदीय विद्यालयों की स्मार्ट क्लास को इंटरनेट से जोड़कर और स्मार्ट बनाया जाएगा। शासन से आदेश मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग तैयारी में जुटा है।बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रोजेक्टर, लैपटॉप, एलईडी का प्रयोग किया जाएगा। फाइबर कनेक्टिविटी से विद्यालयों को जोड़ा जाएगा। जिले के परिषदीय विद्यालय स्मार्ट होने से बच्चों को बड़ा फायदा मिलेगा। बच्चे स्मार्ट क्लास में गुणवत्तापरक शिक्षा हासिल करेंगे।
आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग के 50 से अधिक विद्यालयों में दो साल पहले से ही स्मार्ट कक्षाएं लग रहीं हैं। अभी तक केवल 50 से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, एलसीडी और स्पीकर की व्यवस्था है। अब यह योजना मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अंतर्गत चलेगी।
अब 2880 विद्यालयों में होगी कवायद
जिले में 2880 परिषदीय विद्यालय हैं। सभी को इंटरनेट से जोड़ने की कवायद की जा रही है। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को परिषदीय विद्यालयों इंटरनेट से जोड़ने के आदेश दिए हैं। पहले चरण में ऐसे विद्यालयों तक इंटरनेट सुविधा पहुंचाई जाएगी, जो ग्राम पंचायत स्तर पर है। वहीं, कुछ विद्यालयों में बिजली की व्यवस्था नहीं है। इनमें पावर कॉर्पोरेशन से बात कर पूरी तैयारी की जाएंगी।
वरीयता पर मिलेगी होम कनेक्टिविटी
सरकार की पहल पर सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया (मिनिस्ट्रीय आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) के तहत विद्यालयों को इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जाएगी। फाइबर-टू-होम कनेक्टिविटी उन विद्यालयों को वरीयता के आधार पर दी जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी महेश चंद्र ने बताया कि जिले में कुछ स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं लगायी जा रही हैं। अब लगभग सभी स्कूलों में यह सुविधा शुरू होगी। स्कूलों में अन्य भौतिक सुविधाओं की व्यवस्थाओ को भी दुरुस्त कराना है।
155 स्कूलों में बनेंगी स्मार्ट क्लास
वहीं, फर्रुखाबाद जिले में परिषदीय विद्यालयों के छात्र स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करेंगे। जिले के 155 परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले में स्कूल भी सलेक्ट कर लिए हैं। इनमें पांच कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय भी शामिल हैं। हर स्कूल में स्मार्ट क्लास बनाने में 2.40 लाख रुपये खर्च होंगे।