- अर्जुन नगर, कमला नगर और नरायच में पेयजल संकट
- तीन ट्यूबवेल खराब होने के कारण नहीं आया पानी
- लोगों को पानी के टैंकर पर होना पड़ा निर्भर
Agra News: उमस भरी गर्मी में आगरा के अर्जुन नगर, कमला नगर और नरायच में लोगों को पानी के भटकना पड़ा। अर्जुन नगर और कमला नगर में पाइपलाइन में लीकेज से संकट रहा तो नरायच में ट्यूबवेल खराब होने से समस्या हुई। इसके चलते 40 हजार से ज्यादा आबादी के सामने पानी का संकट रहा। अर्जुन नगर बाल भारती स्कूल के पास छह इंच की पाइपलाइन लीकेज होने के कारण पानी नाले में बहकर बर्बाद होता रहा।
पास की कॉलोनियों में लीकेज के कारण पानी नहीं पहुंचा, वहीं दो दिन लाइन में मरम्मत के कारण भी पानी चंद मिनटों तक ही आया था, ऐसे में लोगों के घरों की टंकियां भर नहीं पाई और उन्हें पानी के लिए पूरे दिन परेशान होना पड़ा।
तीन ट्यूबवेल खराब होने से पानी का संकट गहराया
कमला नगर में तीन जगह पाइपलाइन लोकेज से पानी का प्रेशर बहुत कम रहा। कुछ जगह पानी आया भी तो प्रेशर कम होने से लोग अपनी जरूरत का पानी नहीं भर पाए। यमुनापार नरायच में नाई की सराय योजना से जुड़े तीन ट्यूबवेल खराब हो जाने के कारण पानी का संकट गहरा गया। यहां लोगों को टैंकर पर निर्भर होना पड़ा। हर टैंकर के आने पर लोगों में पानी के लिए मारामारी मची रही। शहर में 40 हजार से ज्यादा लोग बृहस्पतिवार को पानी के लिए परेशान रहे।
नाई की सराय के ट्यूबवेल टोरंट पावर से जुड़ेंगे
यमुनापार के इलाकों को पेयजल सप्लाई करने के लिए बनी नाई की सराय ट्यूबवेल योजना के विद्युत कनेक्शन दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के ग्रामीण फीडर की जगह टोरंट पावर के शहरी फीडर से जुड़ेंगे। इस पर एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। टोरंट पावर ने एक करोड़ रुपये का स्टीमेट नाई की सराय योजना और इसके पंपिंग स्टेशनों को शहरी फीडर से जोड़ने के लिए तैयार किया है।
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से ली जाएगी एनओसी
एत्मादपुर के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने नाई की सराय योजना को शहरी फीडर से जोड़ने का प्रस्ताव सौंपा था, जिस पर डीएम के निर्देश पर टोरंट पावर ने स्टीमेट तैयार किया है। इस मामले में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से एनओसी ली जाएगी, जिसके बाद शहरी फीडर से कनेक्शन का काम शुरू किया जाएगा। आंधी के कारण नाई की सराय ट्यूबवेल योजना के पंप बिजली गुल होने के कारण तीन दिन तक बंद रहे थे।
पुरानी लाइनें हैं, दबाव पड़ने पर टूट जाती हैं
जलकल के महाप्रबंधक आरएस यादव ने कहा कि, पुरानी लाइनें हैं जो थोड़ा दबाव पड़ते ही या किसी विभाग द्वारा खोदाई में कुदाल चलाते ही टूट रही हैं। कई बार लोकेज तैलाशने में दिक्कत आती हैं। जल्द