- 2020 में रोड एक्सिडेंट में मरे 1.5 लाख भारतीय
- पूरी दुनिया के आंकड़े का 26.37 फीसदी हिस्सा
- इस आंकड़े को कम करने में जुटी केंद्र सरकार
India Recorded Highest Road Accident Fatalities: भारत में सड़क दुर्घटनाओं से मरने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार काफी तेजी से काम कर रही है. लेकिन ताजा आंकड़े अब भी चिंता का विषय बने हुए हैं. साल 2020 में कुल 1.5 लाख लोगों की जान सड़क दुर्घटना में चली गई है जो कुल 207 देशों के आंकड़े का 26.37 फीसदी है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को ये जानकारी संसद में दी है. उन्होंने इंटरनेशनल रोड फेडरेशन, जेनेवा के डेटा ऑफ वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स के हवाले से ये आंकड़े साझा किए हैं.
सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले सबसे ज्यादा भारतीय
भारत में रोड एक्सिडेंट से मरने वालों का ये आंकड़ा अब बड़ी चिंता का विषय बन गया है. हर साल भारत में लाखों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें कई लाख लोग गंभीर होते हैं और लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. सड़क दुर्घटनाओं का असर ना सिर्फ मरने वाले और उनके परिजनों पर पड़ता है, बल्कि भारत की कुल अर्थव्यवस्था को भी ये व्यापक रूप से प्रभावित करते हैं.
केंद्र सरकार उठा रही बड़े कदम
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार बड़े कदम उठा रही है. जहां ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में कमी लाने के लिए मोटर वाहन नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है, वहीं हाइवे पर जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं उन ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की जा रही है और वहां सभी जरूरी व्यवस्था भी की जा रही है. इसके अलावा कई सारे जागरुकता अभियान भी शुरू किए गए हैं.
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अवैध टोल वसूली पर भी बोले गडकरी
बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर यानी बीओटी के एग्रिमेंट की अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध टोल शुल्क वसूल करने पर पूछे गए सवाल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, -नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया -एनएचएआई- को अवैध टोल शुल्क वसूलने की शिकायम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और कोल्हापुर जिला लॉरी ऑपरेटर्स असोसिएशन द्वारा मिली हैं.- इसके बाद एक सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि, 30 जून 2022 के बाद से बीओटी ऑपरेटर्स एनएसएआई के साथ कंसेशन एग्रिमेंट के तहत देशभर के 214 टोल प्लाजा पर शुल्क वसूल रहे हैं.