भोपाल : कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौर में साइबर क्राइम का दायरा बढ़ गया है। अब ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वालों के लिए कई नए रास्ते तैयार हो गए हैं। उनके लिए अब लोगों को बेवकूफ बनाना उन्हें चूना लगाना आसान हो गया है। महामारी के इस दौर में जरूरतमंदों को चूना लगाने के लिए ये अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं।
ताजा मामला भोपाल के एमपी नगर से सामने आया है। पुलिस ने एक ऐसे साइबर क्राइम के गैंग का भंडाफोड़ किया है जो लोगों को वर्क फ्रॉम होम की नौकरी का झांसा देकर उनसे लाखों लूटे। यह गैंग युवाओं को वर्क फ्रॉम होम नौकरी में टाइपिंग की नौकरी का लालच देता था और उन्हें बदले में 48,000 रुपए महीने कमाई करने का झांसा देता था।
वेबसाइट पर इनके लुभावने एड देखकर जब लोगों ने उन्हें कॉल किया तो आवेदनकर्ताओं से इसने 4 हजार से 5 हजार के रजिस्ट्रेशन फीस लिए।
पैसे देने के बाद उन्हें टाइपिंग असाइनमेंट्स दिए जाते थे। जब आवेदनकर्ता असाइनमेंट्स पूरे कर के उन्हें देते थे तो बदले में उनमें हजार गलतियां निकाल कर उन्हें बतौर सैलरी 300 से लेकर 1000 रुपए तक पकड़ा दिए जाते थे।
उन्हें बताया जाता था कि उन्हें महीने में 4,000 पेज की टाइपिंग करनी है और प्रति पेज उन्हें 12 रुपए मिलेंगे ऐसे में वे महीने में 48,000 रुपए कमा सकते हैं। लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं और इस ऑनलाइन फ्रॉड कंपनी ने इस चीज का बखूबी फायदा उठाया। पुलिस के मुताबिक करीब 50 लोगों को इस तरह से इन्होंने अपना शिकार बनाया है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने 1 सितंबर को एमपी नगर से मासइन्फो मीडिया के डायरेक्टर अनिरुद्ध चौकसी (30) को गिरफ्तार किया है जबकि बिजनेस इंफोटेक एमपीनगर के डायरेक्टर गौरव जोशी (28) को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने फिलहाल ऑनलाइन फ्रॉड का केस दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है।