- बेटा प्रतीक पुणे कि चिटफंड कंपनी के झांसे में फंस गया था
- रिटार्यड बैंक कर्मी ने खुद व पत्नी और बेटी सहित केरासिन डाल कर आग लगा ली
- आर्थिक हालात खराब होने के चलते उन्होंने यह कदम उठाया
Bhopal Mass Suicide Case: मध्यप्रदेश में चिटफंड के फेर में उलझे एक बुजुर्ग द्वारा पत्नी व बेटी सहित सामुहिक आत्महत्या करने का दिल दहला देने वाला सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला छिंदवाड़ा के कुंडीपुरा थाना इलाके के बालाजी नगर का है। आर्थिक तंगी के बोझ तले दबे रिटार्यड बैंक कर्मी ने हालातों से हार मानते हुए खुद को अपनी पत्नी व बेटी सहित शरीर पर केरासिन डाल कर आग लगा ली। हालांकि बैंक कर्मी की झुलसने के कारण मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पत्नी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं नागपुर रेफर की गई बेटी की भी उपचार के दौरान मौत हो गई।
सूचना पर पुलिस मौके पर आई पुलिस ने देखा तो कमरे में सामान बिखरा पड़ा था। मौके पर केरोसिन का खाली डिब्बा मिला। मकान मालिक ने बताया कि विनोद पाठक अपना मकान बेचकर कुछ महीने से उनके मकान में किराए पर रह रहे थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि पड़ोस में शोर - शराबा हुआ तो घटना का पता चला। कुंडीपुरा थाने के एसएचओ राकेश भारती ने बताया कि नरसिंहपुरा रोड स्थित बालाजी नगर इलाके में रहने वाले बैंक से रिटायर्ड कार्मिक विनोद पाठक (72) ने अपनी पत्नी कंचन (60) व बेटी अर्पणा (22) सहित खुद के शरीर पर केरोसिन उड़ेल कर आग लगा ली। घटना में पति व पत्नी की झुलसने से मौत हो गई, जबकि बेटी की हालत गंभीर होने के चलते उसे चिकित्सकों ने नागपुर रेफर कर दिया। जहां पर उसकी भी मौत हो गई।
एक हफ्ते पहले ही घर आई बेटी
पुलिस को मृतक के बेटे ने बताया कि वह बालाजी नगर में किराए के मकान में रह रहे थे। उसकी बहन अपर्णा भोपाल में बीएचएमएस की स्टूडेंट थी। वह एक हफ्ते पहले ही घर आई थी। उसने बताया कि घटना में आग लगने के बाद कमरे से चिल्लाने की आवाजें आई तो वह अपने कमरे से जगा व पापा के कमरे में जाकर देखा तो तीनों आग की लपटों में घिरे थे। उसने बचाने की कोशिश की तो वह भी थोड़ा झुलस गया। उसने पड़ोसियों को आवाज लगाकर बुलाया।
आर्थिक हालात खराब थी
एसएचओ राकेश भारती ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में जानकारी मिली है उसमें मृतक के आर्थिक हालात खराब होने के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है। एसएचओ ने बताया कि पहले एयरफोर्स में नौकरी करने वाले विनोद पाठक वहां से रिटायर होने के बाद एक बैंक में अपनी सेवाएं देने लगे। इसके बाद वे बैंक से भी रिटायर हो गए। उन्होंने ब्याज पर व रिश्तेदारों से रकम उधार लेकर पुणे की एक चिटफंड कंपनी में रूपया दुगना होने के लालच में लगाया था। चिटफंड कंपनी से उन्हें रकम वापिस नहीं मिल रही थी। इधर, रिश्तेदार व सूदखोर रूपया लौटाने को लेकर उन पर लगातार दबाव बना रहे थे।
चिटफंड के फेर मे सब कुछ बिक गया
एसएचओ ने बताया कि उनका बेटा प्रतीक पुणे कि चिटफंड कंपनी के झांसे में फंस गया था। जिससे उनका मकान बिक गया। वहीं चार एकड़ जमीन भी बिक गई। वे कर्जदार हो गए थे। उन्होंने बताया कि फिलहाल जानकारी नहीं मिली है कि उन पर कितना कर्जा था व उन्होंने कितना रूपया उधार ले रखा था। पुलिस अब आगे की जांच में जुटी है।