- राज्य के 19 जिलों की 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए वोट डाले गए
- सुबह सात बजे से शाम 6 बजे तक मतदान हुआ
- कोविड-19 से सुरक्षा के लिए मतदान केंद्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई थीं
भोपाल: मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। इन 28 सीटों पर 12 मंत्रियों सहित कुल 355 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं। ये उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये तय करेंगे कि 10 नवबंर को इनके परिणाम आने के बाद कौन सी पार्टी प्रदेश में सत्ता में रहेगी- सत्तारूढ़ भाजपा या मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस। कुछ पोलिंग बूथ पर हिंसक झड़प की खबर आई है, जिसकी की जा रही है। इस बीच कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं, जिसपर बीजेपी ने पलटवार किया है।
दिग्विजय ने EVM को लेकर उठाए सवाल, शिवराज ने किया पलटवार
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव के लिए मंगलवार को मतदान के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर एक बार फिर सवाल उठाया है। हालांकि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस अपनी पराजय का ठीकरा एक बार फिर ईवीएम पर फोड़ने को तैयार है।
दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा, 'तकनीकी युग में विकसित देश ईवीएम पर भरोसा नहीं करते, पर भारत व कुछ छोटे देशों में ईवीएम से चुनाव होते हैं। विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्योंकि उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है। क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है।'
इसके जवाब में मुख्यमंत्री चौहान ने यहां प्रदेश भाजपा मुख्यालय में कांग्रेस पर तंज कसते हुए संवाददाताओं से कहा, 'पहले से हार की भूमिका बनाने लगी है कांग्रेस। यही ईवीएम वर्ष 2018 के चुनावों में थी जिसमें कांग्रेस को 114 सीट मिली। तब ईवीएम ठीक थी। अब जब कांग्रेस को हार दिख रही है तो हार का सारा ठीकरा ईवीएम पर मढ़ दो और खुद छुट्टी पा लो।'
मध्य प्रदेश में शाम 5 बजे तक 59.2 फीसदी मतदान
मध्य प्रदेश में शाम 5 बजे तक 59.2 फीसदी वोट डाले गए। यहां विधानसभा की 28 सीटों के लिए आज उपचुनाव कराया जा रहा है। परिणामों की घोषणा 10 नवबंर को की जाएगी, जिससे तय हो सकेगा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली सरकार बनी रहेगी या नहीं। इस उपचुनाव में उन 25 प्रत्याशियों के भाग्य का भी फैसला होगा, जो कांग्रेस से इस्तीफा दे बीजेपी में शामिल हो गए।
कमलनाथ ने साधा निशाना
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि राज्य के के लोग जानते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 6 महीनों में सिर्फ झूठ बोला है और राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया है। मतदाता अब कांग्रेस को राज्य के लिए काम करने का मौका देंगे
क्या बोले शिवराज सिंह
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मतदान लोकतंत्र की आत्मा है, यह लोकतंत्र को मजबूत करता है। आप सभी को वह सरकार चुनने के लिए मतदान करना चाहिए जो आपकी आकांक्षाओं को पूरा कर सके। एक कदम बाहर लाइए और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़िए। 107 सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा
वर्तमान में प्रदेश की विधानसभा की कुल 230 सीटों में से भाजपा के पास 107 हैं, जबकि काग्रेस के पास 87 सीटें हैं। चार निर्दलीय हैं, दो बसपा और एक सपा का विधायक है। बाकी 29 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से दमोह विधानसभा को छोड़कर 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। दमोह सीट पर उपचुनाव की तिथि घोषित होने के बाद कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी ने विधायकी एवं कांग्रेस से इस्तीफा दिया है और भाजपा में शामिल हुए हैं।
BJP के लिए राह आसान
उपचुनाव के बाद सदन में विधायकों की संख्या वर्तमान 202 से बढ़कर 229 हो जाएगी। इसलिए भाजपा को बहुमत के 115 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र आठ सीटों को जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को पूरी 28 सीटें जीतनी होंगी। भाजपा ने उन सभी 25 लोगों को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो कांग्रेस विधायकी पद से इस्तीफा देर भाजपा में शामिल हुए थे।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनी।