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Bhopal Traffic Plan News: भोपाल को जाम से निजात दिलाने के लिए बना नया प्लान, हर सड़क के ट्रैफिक का होगा सर्वे

Updated Jul 02, 2022 | 17:38 IST

Bhopal Traffic Plan News: राजधान की सड़कों को जाम से निजात दिलाने के लिए विभाग ने नई योजना बनाई है। इसके तहत सड़कों के ट्रैफिक का सर्वे कराया जाएगा। इसके साथ ही सड़कों को मेट्रो से जोड़ने की भी योजना है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
भोपाल की सड़कें होंगी जाम मुक्त
मुख्य बातें
  • 1.77 करोड़ रुपए खर्च कर बन रहा कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान
  • दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड को सौंपा गया काम
  • यह कंपनी शहर की हर सड़क पर ट्रैफिक के दबाव का सर्वे करेगी

Bhopal Traffic Plan News: भोपाल की सड़कों पर लोगों को बहुत जल्द जाम नहीं झेलना पड़ेगा। अब शहरवासी सुगम और कम समय में अपना सफर तय कर सकेंगे। इसके लिए मेट्रो प्रोजेक्ट से पूरे ट्रांसपोर्ट को जोड़ने की योजना है। इस काम पर 1.77 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इस रकम से कंप्रेहेंसिव मोबिलेटी प्लान (सीएमपी) बनाया जाना है। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड को इस काम की जिम्मेदारी दी गई है। 

दिल्ली की इस कंपनी की टीम भोपाल की हर सड़क के ट्रैफिक के दबाव का सर्वे करेगी। फिर पैदल यात्री, साइकिल, टू व्हीलर, फोर व्हीलर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट एवं रोड कनेक्टिविटी प्लान का भी अध्ययन करेगी। 

सर्वे में देखी जाएगी रेलवे ओवरब्रिज और फुट ओवरब्रिज की जरूरत

कार्यकारी एजेंसी जब शहर की सड़कों का सर्वे करेगी तो यह भी देखेगी की कहां-कहां रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और फुट ओवरब्रिज (एफओबी) की जरूरत है। शहर के लोग किस वाहन से ज्यादा सफर करते हैं। सीएमपी में इसका भी अध्ययन किया जाना है। इससे पूर्व में 2012 में नगर निगम ने 60 करोड़ रुपए खर्च कर सीएमपी का निर्माण करवाया था। 

सीएमपी-2012, छोटी पड़ रही सड़कें

स्थल--- पीसीयू/घंटा----------रोड की क्षमता
अयोध्या बाइपास--2779---------3000
भारत टॉकीज पुल---2706-------2500
भोपाल हाट-----4159----------3000
चेतक ब्रिज------5838----------2100
बोगदा पुल------2708-----------2100

2016-17 के बाद से ही संशोधित सीएमपी की जरूरत है। बता दें वित्तीय वर्ष 2016-17 में भोपाल नगर निगम का क्षेत्रफल 285 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 415 वर्ग किलोमीटर हो गया। इसके बाद से ही संशोधित सीएमपी की जरूरत थी। 

मिनरल वेस्ट से तैयार होंगे हाईवे

अब हाईवे निर्माण में मिनरल वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे बनीं सड़कें आम सड़कों की अपेक्षा सस्ती पड़ेंगी। मिनरल वेस्ट से बनी सड़कों की उम्र भी अधिक रहेगी। इस सड़क की विशेषता होगी कि इसमें 100 प्रतिशत वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। अन्य में मिक्सिंग होती है। मतलब प्लास्टिक और फ्लाईएश में मिक्सिंग की जाती है। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की सड़कें अब मिनरल वेस्ट से ही बनाई जाएंगी। 

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