- छोटे प्लॉट पर मकान या व्यापारिक संस्थान बनाने के लिए रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना होगा
- नए कॉलोनाइजर को भी ग्राउंड वाटर रिर्चाजिंग सिस्टम लगवाना होगा
- निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा तैयार कर रही नया प्रस्ताव
Bhopal Electricity-Water Connection: बड़े प्लॉट पर होने वाले निर्माण के लिए जरूरी सशर्त को अब छोटे प्लॉट वालों को भी पूरा करना होगा। 140 वर्ग मीटर से छोटे प्लॉट पर अब मकान या व्यापारिक संस्थान बनाने के लिए रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (आरडब्ल्यूएच) लगाना अनिवार्य होगा। नई कॉलोनी बनाते समय कॉलोनाइजर को भी जमीन पर फैले बारिश के पानी के लिए ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग सिस्टम लगवाना होगा। ऐसे करने के बाद ही उन्हें कॉलोनी बनाने की मंजूरी दी जाएगी।
नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए नया प्रस्ताव तैयार कर रही है। चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार का कहना है कि, इसके तहत नए भवन निर्माण के दौरान ही संचालक को रूफ वाटर हार्वेस्टिक सिस्टम (आरडब्ल्यूएच) लगवाना होगा। ऐसे करने पर ही उन्हें पानी और बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।
नगरीय प्रशासन विभाग को की जाएगी अनुशंसा
भोपाल निगम कमिश्नर के माध्यम से नगरीय प्रशासन विभाग को अनुशंसा की जाएगी। फिर शासन स्तर पर लिए गए फैसले के बाद इसे शहर में लागू कर दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में एक महीने से अधिक का समय लगने की उम्मीद है। इसके बाद अलग-अलग माध्यमों से शहरवासियों को नए नियम की जानकारी दी जाएगी। नियम को लेकर जागरुकता फैलाई जाएगी। अधिकारियों और कर्मचारियों को भी समुचित जानकारी दी जानी है।
कई इलाकों में 500 फीट पर भी पानी नहीं
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट में भोपाल को सेमी क्रिटिकल कैटेगरी में डाला गया है। शहर में कई ऐसी जगह है, जहां 500 फीट पर भी पानी उपलब्ध नहीं होता है। भोपाल में 2859.06 हेक्टेयर मीटर में से 2271.72 हेक्टेयर मीटर पानी निकाला जा रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बरसात के मौसम में ग्राउंड वाटर कम रीचार्ज हो सका है। यह रीचार्ज ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग सिस्टम (आरडब्ल्यूएच) लगाने से ही संभव हो सकेगा, इसलिए निगम इस प्रस्ताव को जल्द मंजूर कराने में लगा है।