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Bhopal Handpump Geo Tagging News: भोपाल में अब हैंडपंप खुद बताएंगे अपना हाल, जानिए कैसे होगा ये कमाल

Updated May 03, 2022 | 18:24 IST

Bhopal Handpump Geo Tagging News: भोपाल में गर्मियों के समय में पेयजल के संकट को दूर करने व हैंडपंपों की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भोपाल मुख्यालय ने सभी हैंडपंपों को जियो टैगिंग से जोड़ने का फैसला लिया है। इसकी मदद से अधिकारियों को सभी हैंडपंपो की स्थिति का पता मुख्यालय में बैठे-बैठे ही चल जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंपों को जियो टैग से जोड़ा जा रहा है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • भोपाल में हैंडपंपों को जियो टैगिंग से जोड़ा जाएगा
  • इस टेक्नोलॉजी से अधिकारियों को खुद ही सारी जानकारी मिल जाएगी
  • यह पहल पेयजल संकट से दिलाएगी निजात

Bhopal Handpump Geo Tagging News: अब प्रदेश के किसी भी कोने में अगर कोई हैंडपंप खराब होगा, तो उसकी सूचना भोपाल स्थित पीएचई मुख्यालय पहुंच जाएगी। उसके बाद उसका तत्काल सुधार कराया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के हैंडपंपों को जियो टैग से जोड़ने की कवायद चल रही है। गौरतलब है कि, प्रदेश में गर्मियां शुरू होते ही पेयजल की समस्या भी शुरू हो जाती है। समस्या शुरू होने के बाद पता चलता है कि, हैंडपंप खराब हो गए हैं या उनका जल स्तर काफी नीचे चला गया है।

अब पेयजल की इस समस्या से निजात के लिए प्रदेशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में लगे 5 लाख 65 हजार हैंडपंपों को जियो टैग से जोड़ा जाएगा। इससे जब भी प्रदेशभर में कोई हैंडपंप खराब होगा, तो उसकी जानकारी भोपाल मुख्यालय और विभागीय अधिकारियों को उनके मोबाइल पर भी दिखने लगेगी।

अधिकारियों को मिलेगी हैंडपंप की पूरी जानकारी

आपको बता दें कि, जियो टैग से जोड़ने पर हैंड पंप की क्या हालत है, इसकी खबर जिला मुख्यालय में तुरंत उसी दिन पहुंच जाया करेगी। अधिकारियों को यह भी पता चल जाएगा कि, आपके हैंडपंप में क्या खराबी है और किस तरह की खराबी है। इससे अधिकारियों को यह जानकारी भी मिल जाएगी कि, हैंडपंप को ठीक करने के लिए कौन-कौन सा सामान ले जाने की जरूरत है। इससे अधिकारी पूरी तैयारी के साथ हैंडपंप की रिपेयरिंग के लिए मौके पर पहुंच सकते हैं।

लाखों हैंडपंपों का अभी तक जियो टैग से जुड़ना बाकी

आपको बता दें, आधुनिक टेक्नोलॉजी का भोपाल शहर में बढ़-चढ़ कर उपयोग हो रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने बताया कि, प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में स्थापित 5 लाख 65 हजार हैंडपंपों को जियो टैग से जोड़ा जा रहा है। इनमें एक लाख 10 हजार हैंडपंप जियो टैगिंग से जुड़ना शेष रह गए हैं। जब सभी हैंडपंप जियो टैग से जुड़ जाएंगे, तो हैंडपंप धारकों को प्रशासन के पास बार-बार जाकर हैंडपंप की शिकायत नहीं देनी पड़ेगी अधिकारियों को उनके सचिवालय में ही हैंडपंप खराब होने की सूचना उन्हें मिल जाएगी। 

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