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Madhya Pradesh rain news: मध्य प्रदेश में बारिश, बाढ़ से तबाही, केंद्र की तरफ से मदद का भरोसा

Updated Aug 04, 2021 | 12:19 IST

मध्य प्रदेश के शिवपुरी, ग्वालियर में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। सिंध, पार्वती और चंबल नदी उफान पर है, हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को निकाला जा रहा है।

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मुख्य बातें
  • मध्य प्रदेश के शिवपुरी, ग्वालियर में बाढ़ से हालात बिगड़े
  • सिंध, पार्वती और चंबल नदी उफान पर
  • प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी

मध्यप्रदेश के शिवपुरी से बाढ़ की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। डैम से निकलते पानी की रफ्तार दिल में दहशत भर देगी.. बाढ़ का पानी अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को साथ बहा ले जाने पर आमादा है। शिवपुरी में सैंकड़ों मवेशी बाढ़ में बह गए। इसके साथ ही चंबल संभाग में चंबल नदी तबाही मचा रही है। नदी के करीब रहने वालों को अपने गांवों को छोड़कर जाना पड़ा है। हालांकि प्रशासन की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। खासतौर से हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि संकट की घड़ी में केंद्र सरकार पूरी तरह साथ है। 

शिवपुरी, ग्वालियर और श्योपुर में बाढ़ से हालत खराब
शिवपुरी में 24, ग्वालियर में 31 और भीतरवार में 200 लोगों को रेस्क्यू किया गया। शिवपुरी में सेना के चॉपर के जरिए बचाया गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि कई मवेशी बढ़ गए। प्रशासन के मुताबिक करीब 1100 गांव जलमग्न हैं। मौके से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक कई इलाकों में जा पाना मुश्किल है। लोगों शिकायत कर रहे हैं कि प्रशासनिक मदद सिर्फ कागजों तक सीमित है। किसी तरह की मदद नहीं मिल पा रही है। 

 

राजस्थान में भी बाढ़ का कहर
बारिश की वजह से कोटा बैराज के आठ गेट खोले गए हैं, जिसकी वजह से नीचले इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हालात पर उनकी नजर है और उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की है। 

बेजुबानों पर ज्यादा असर
शिवपुरी और श्योपुर के कई इलाकों में हालात इतने खराब हैं कि राहत और बचाव टीम को मौके पर पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौके का जायजा ले रहे संवाददाता के मुताबिक जहां तक नजरें जा रही हैं पानी और सिर्फ पानी। बाढ़ से सबसे ज्यादा असर बेजुबानों पर पड़ा है। पानी के तेज बहाव में मवेशी बह रहे हैं और हालात यह है कि उन्हें बचाने की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सामने दिक्कतें बहुत हैं लेकिन राहत बचाव कार्य में किसी तरह की ढील नहीं दी जा रही है।

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