- भारतीय रेलवे 150 प्राइवेट पैसेंजर ट्रेनों को शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है
- इसके लिए रेल मंत्री ने प्राइवेट कंपनियों से उन रूटों की पहचान करने को कहा है जिनपर वे ट्रेन सेवा शुरू करना चाहते हैं
- उन्होंने कहा कि हम ट्रैफिक रूटों को पट्टे पर देने के लिए तैयार हैं, हम पार्सल ट्रेनों को पट्टे पर देने को इच्छुक हैं।
नई दिल्ली : भारतीय रेलवे निजीकरण की ओर अग्रसर है। रेलवे अब 150 प्राइवेट यात्री ट्रेन शुरू करने जा रहा है। यह बात रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को उद्योगमंडल सीआईआई के ऑनलाइन कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि रेलवे अब प्राइवेट सेक्टर में 150 यात्री ट्रेन शुरू करने जा रहा है और इस योजना के लिए इंटरेस्टेड कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे में बिजनेस के लिए क्योंकि मंत्रालय रेल रूटों और पार्सल गाड़ियों को किराए पर देने को तैयार है।
जिन पर आप ट्रेन सेवा शुरू करना चाहते, उनकी पहचान करें
गोयल ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर लाखों तरीके से सहयोग कर सकता है। मैं नए रूटों को पट्टे पर देने जा रहा हूं, इस अर्थ में कि मैं यह कहने जा रहा हूं कि ठीक है आप (प्राइवेट कंपनियां) उन रूटों की पहचान करें, जिनपर ट्रेन सेवा शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे में माल ढुलाई का काम पिछले साल के 95% तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अगर आप चाहते हैं तो हम आपके साथ नई लाइनों में निवेश करने के लिए भी तैयार हैं। हम ट्रैफिक रूटों को पट्टे पर देने के लिए तैयार हैं, हम पार्सल ट्रेनों को पट्टे पर देने के इच्छुक हैं। इसलिए, प्राइवेट सेक्टर के लिए बहुत सारे अवसर हैं। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के नेशनल हाईवे के साथ एक एलिवेटेड गलियारे पर विचार कर सकता हैं, क्योंकि इसमें भूमि खरीदने की चुनौती नहीं होगी।
पिछले साल 21 जून की तुलना में करीब 95% माल की ढुलाई
मंत्री ने यह भी कहा कि रविवार को रेलवे पिछले साल 21 जून की तुलना में करीब 95% माल की ढुलाई करने में समर्थ हुआ है।उन्होंने कहा कि तो हम 21 जून 2019 की तुलना में महज 5% नीचे थे। यदि हम पूरे जून महीने को देखते हैं, तो हम माल ढुलाई के मामले में एक जून से 21 जून के दौरान करीब 8% नीचे हैं। मेरा मानना है कि जुलाई तक हम इसे बराबर कर लेंगे और हम अगस्त से सितंबर तक वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। मालगाड़ी की औसत गति के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले साल 21 जून को यह 22.98 किमी प्रति घंटा थी और रविवार को 41.74 किमी प्रति घंटा थी।
माल और पार्सल ट्रेनों को ला रहे हैं टाइम टेबल पर
गोयल ने कहा कि हम लंबे समय से प्रतीक्षित रख-रखाव कार्यों को पूरा करने के लिए इस समय का उपयोग बुद्धिमता से कर रहे हैं। इसके साथ ही वैसी कई लाइनों को इंटरकनेक्ट करने के लिए भी इस समय का उपयोग किया गया है, जिन्हें लंबे समय तक शटडाउन की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि हम इस समय का उपयोग रेलवे की समय सारिणी को और अधिक बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं। हम माल और पार्सल ट्रेनों को टाइम टेबल पर ला रहे हैं ताकि हम व्यवसायों को कम समय में लंबी दूरी की डिलिवरी के प्रति आश्वस्त कर सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंत्रालय आगे चलकर माल ढुलाई को सस्ता बना सकता है।
4,553 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 75 लाख प्रवासी श्रमिकों ने की यात्राएं
गोयल ने कहा कि रविवार तक भारतीय रेलवे ने 4,553 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया और इनकी संख्या लगातार कम हो रही है। मंत्री ने कहा कि 31 मई से 21 जून तक, यह 10 प्रतिशत से अधिक कम हुआ है। कल (रविवार) को सिर्फ तीन ऐसी ट्रेनों का परिचालन हुआ। इनकी मांग खत्म हो गई है। हमने उन सभी को वापस पहुंचा दिया है, जो घर वापस जाना चाहते थे। अब तक इन ट्रेनों से करीब 75 लाख प्रवासी श्रमिकों ने यात्राएं की हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे ने नियमित रूटों पर 230 ट्रेनें शुरू की हैं। वे पूरी तरह से भरकर नहीं जा रही हैं, क्योंकि लोग अभी भी यात्रा करने में संकोच कर रहे हैं।