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कितने में मिलेगी 5G स्पीड,सबसे पसंदीदा प्लान की क्या होगी कीमत,जानें सब-कुछ

Updated Aug 02, 2022 | 20:56 IST

5G Launch and Price: 5G स्पेक्ट्रम के लिए जिस तरह रिलायंस जिओ, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने रकम खर्च की है, उसे देखते विभिन्न एनॉलिस्टम फर्म 4-10 फीसदी तक टैरिफ महंगा होने का अनुमान लगा रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
5G सर्विस अक्टूबर में लांच हो सकती है !
मुख्य बातें
  • रिलायंस जिओ ने सबसे महंगे 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए सभी 22 सर्किल में बोली लगाकर चौंका दिया है।
  • कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता रिटेल ग्राहक क्या हाई स्पीड इंटरनेट के लिए ज्यादा पैसे खर्च करेंगे।
  • 5G में करीब 10 गुना तक इंटरनेट स्पीड बढ़ जाएगी।

5G Launch and Price: भारत 5G सर्विस शुरू होने की ओर एक कदम और आगे बढ़ गया है। देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी पूरी हो गई है और जैसा कि टेलीकॉम मंत्री अश्वनी वैष्णव दावा कर रहे हैं, उसके अनुसार अक्टूबर में पहले चरण के शहरों में 5G सेवा शुरू हो जाएगी। इस नीलामी से सरकार को करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। स्पेक्ट्रम खरीदने की होड़ में रिलायंस जिओ ने बाजी मारी है। और उसने 88,078 करोड़ रुपये खर्च कर 24,740 मेगा हर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। जो कि कुल नीलाम राशि का करीब 59 फीसदी है। 

5G स्पेक्ट्रम के लिए जिस तरह रिलायंस जिओ, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने रकम खर्च की है, उसे देखते विभिन्न एनॉलिस्टम फर्म 4-10 फीसदी तक 5G टैरिफ महंगा होने का अनुमान लगा रही है। यानी 4 G की तुलना में 5 G सेवाओं के लिए उपभोक्ताओं को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। हालांकि टैरिफ के मामले मे टेलीकॉम मंत्री अभी तक यही बात कह रहे हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा सस्ते टैरिफ भारत में हैं। ऐसे में 5G को लेकर ऐसी ही उम्मीद करनी चाहिए।

टैरिफ को लेकर क्या है अनुमान

5G सर्विस शुरू होने के बाद टैरिफ पर क्या असर होगा। इसको लेकर रिसर्च फर्म जेफरीज का अनुमान है कि टैरिफ  में 4-10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। उसके अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत में टैरिफ बढ़ा सकती हैं। 

इसी तरह नोमुरा का अनुमान है कि सरकार द्वारा  स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (SUC),अपफ्रंट पेमेंट, एजीआर के बकाए पर मोरेटोरियम और किए गए दूसरे अहम सुधारों को देखते हुए कंपनियों को काफी बचत होगी। जिसकी वजह से वह टैरिफ में कम बढ़ोतरी कर सकती है। और यह 4 फीसदी तक हो सकती है।

हालांकि नोमुरा ने यह भी कहा है कि 4G सेवाओं में सबसे ज्यादा 84 दिन और प्रति दिन 1.5 GB डाटा का प्लान सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। उसे देखते हुए 5G में 30 फीसदी तक प्रीमियम कंपनियां ले सकती हैं। 

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रिलायंस ने 700 मेगाहर्ट्ज पर क्यों लगाया दांव

वैसे तो सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी जरूरतों को देखते हुए सभी बैंड में बोली लगाई है। लेकिन रिलायंस जिओ ने सबसे महंगे 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए सभी 22 सर्किल में बोली लगाकर चौंका दिया है। एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने इस स्पेक्ट्रम के लिए बोली नहीं लगाई थी। 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की खासियत यह है कि यह घनी से घनी आबादी में भी 5-10 किलोमीटर तक के रेंज में अच्छी कनेक्टिविटी दे सकता है। जिओ का यह दांव आने वाले समय में गेमचेंजर साबित हो सकता है।

5G नीलामी में भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये में 19687 मेगाहर्ट्स स्पेक्ट्रम विभिन्न बैंड में खरीदा है। इसी तरह वोडाफोन आइडिया ने 18,784 करोड़ रुपये में 2668 मेगाहर्ट्स स्पेक्ट्रम विभिन्न बैंड में खरीदा है। वहीं अडानी ग्रुप ने प्राइवेट सेवाओं के लिए 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 212 करोड़ रुपये में खरीदा है।

कैसे बदलेगी लाइफ

5G आने  के बाद बहुत कुछ बदलने वाला है। सबसे बड़ा फायदा करीब 10 गुना तक इंटरनेट स्पीड बढ़ जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि बफरिंग से निजात मिल जाएगी। इसके अलावा वाट्स ऐप कॉल में बाधा खत्म हो जाएगी। हैवी फाइल वाली मूवी भी 20-25 सेकंड में डाउनलोड हो जाएगी। वर्चुअल रियल्टी कई क्षेत्रों में अपनी धमक बनाएगी। गेमिंग की दुनिया बदलेगी। साथ ही सुदूर क्षेत्रों में शैक्षणिक सेवाएं और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना आसान होगा। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में ड्रोन आदि का इस्तेमाल आसान हो जाएगा। इसी तरह मेटावर्स जैसी तकनीकी के इस्तेमाल रियल्टी बनेगा। 

हालांकि मैकेंजी के इंटरनेशनल सर्वे के अनुसार 5G से कंपनियों को रिटेल ग्राहकों से ज्यादा कॉरपोरेट जगत से उम्मीद हैं। उनके अनुसार बिजनेस-टू-बिजनेस का बड़ा मार्केट खड़ा होगा और AI के  क्षेत्र में अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। लेकिन ग्राहक कितना पैसा खर्च करेंगे, इसके लेकर कई सारी आशंकाएं हैं। 2019 में किए गए सर्वे के अनुसार दो तिहाई ग्राहक 10 गुना ज्यादा इंटरनेट स्पीड के लिए हर महीने 5 यूरो से ज्यादा खर्च करने को तैयार नहीं थे। 

क्या है 5G

5G,टेलीकॉम क्षेत्र की पांचवी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी है। यह 4G की तुलना में बेहद कम एरिया कवरेज में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस प्रदान करती है। Qualcom की एक रिपोर्ट के अनुसार वह अधिकतम 20 गीगा बाइट्स प्रति सेकंड की स्पीड दे सकती है। जबकि औसत रुप से 100 प्लस मेगा बाइट्स स्पीड मिलती है। और 5G में 4G की तुलना में 100 गुना अधिक ट्रैफिक और नेटवर्क मैनेज करने की क्षमता है।

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