- अंबाला-कोठपुतली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का तेजी से पुरा होने के कगार पर
- 313 किलोमीटर वाले इस एक्सप्रेस-वे का 80 फिसदी काम पूरा हो चुका हैं
- सब कुछ समय से रहा तो आगामी मार्च 2022 तक काम संपन्न हो जाएगा।
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी सड़क परियोजना भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही अंबाला-कोठपुतली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का तेजी से पूरा होने के कगार पर हैं। 313 किलोमीटर की इस पुरी एक्सप्रेस वे का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका हैं । सबकुछ समय से रहा तो आगामी मार्च 2022 तक पुरा कर लिया जायेगा। हरियाणा के अंबाला से नारनौल होते हुए जयपुर से पास कोठपुतली तक बनने वाली इस एक्सप्रेस-वे पंजाब हरियाणा और राजस्थान की इंडस्ट्री के गुड्स और पैसेंजर ट्रैफिक वेस्ट और साउथ इंडिया की सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
अंबाला-कोठपुतली ग्रीन कॉरिडोर हाइवे में क्या हैं खास -
भारतमाला प्रोजक्ट के तहत बनने वाली इस परियोजना की शुरुआत 2019 में की गई थी जिसके बाद रिकार्ड समय में भूमि अधिग्रहण से लेकर इस प्रोजेक्ट का काम एक साल के भीतर ही शुरु हो गया। दो चरणो में ये काम हो रहा हैं जहॉ पहले चरण में हरियाणा के अंबाला से नारनौल के बीच 227 किलोमीटर एक्सप्रेस वे के लिए 2630 करोड़ रुपये भुमि अधिग्रहण में लागात आई। जिसमें करीब 2100 करोड़ किसानो के मुआवजा का भुगतान ऑनलाइन ट्रांसफर सीधे किसानो के खाते में की गई।
योजना की कुल लागत 11 हजार करोड़ रुपये
योजना की कुल लागत 11 हजार करोड़ रुपये हैं। जिसमें एक्सप्रेस के दोनो तरफ 1.5 लाख पेड़ लगाये जायेगे। एक्सेस कंट्रोल ये इस हाइवे को दिल्ली बड़ोदरा मुबंई एक्सप्रेस वे से दौसा और मनोहरपुर के बीच लिंक रोड बनाकर जोड़ा जायेगा। पुरे रुट में हर 500 मीटर पर वॉटर हार्वेस्टिंग के स्पॉट बनाये जा रहे हैं जिससे बरसात के पानी को रिस्टोर किया जा सके। पुरे रुट में 6 वर्ल्ड क्लास पैंसेजर एमेंनिटी सेंटर बनाये जा रहे हैं जहॉ यात्रा के दौरान खाने पीने से लेकर री फ्यूलिंग जैसे जरुरी काम को किया जा सकता हैं।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को फायदा
- कुल दुरी – 313 कीलोमीटर
- कुल लागत – 11 हजार करोड़
- दो चरण हैं अंबाला- नारनौल- से 227 किलोमीटर
- नारनौल से राजस्थान के कठपुतली- 86 किलोमीटर
- नये एक्सप्रेसवे से 40 किलोमीटर दुरी घट जायेगी
- 8650 करोड़ भारत सरकार का आवंटन
- दिल्ली बड़ोदरा मुबंई एक्सप्रेस में जुड़ेगा।
- 6 वर्लड क्लास पैंसेजर एमेंनिटी सेंटर बनेगे।
भारतमाला परियोजना के तहत काम
भारतमाला परियोजना के तहत पिछड़े इलाकों, धार्मिक और पर्यटन के इलाको को जोड़ने पर बल दिया जा रहा हैं। इस परियोजना के तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात के साथ साथ पहाड़ी और हिमालयन राज्यों में भी बेहतर कनेक्टिविटी पर काम किया जा रहा हैं। इसके तहत सड़को की कुल लंबाई 51 हजार किलोमीटर हैं वही पहले चरण में 35 हजार किलोमीटर जिनकी लागत करीब साढ़े 5 लाख करोड़ रुपए होगा।