- अगर आपको इस हफ्ते बैंक का कोई काम निपटाना है तो देख लें कि बैंक किस दिन खुले रहेंगे।
- 16 दिसंबर और 17 दिसंबर को बैंकों की दो दिन की हड़ताल है।
- हड़ताल से बैंक में काम प्रभावित हो सकता है।
Bank Strike, Bank Holidays December 2021 Date News: बैंक ग्राहकों के लिए यह खबर अहम है। अगर आपको इस सप्ताह बैंक का कोई भी काम निपटाना है तो आपके लिए सिर्फ आज का दिन शेष है। ऐसा इसलिए क्योंकि कल और परसों सरकारी बैंक कर्मचारी हड़ताल (bank strike december 2021) करेंगे। इसके बाद 18 दिसंबर, यानी शनिवार को 'यू सोसो थाम की पुण्यतिथि' के अवसर पर शिलांग में बैंक बंद रहेंगे। फिर 19 दिसंबर यानी रविवार को देश के सभी राज्यों में बैंक बंद होंगे। इस तरह इस हफ्ते शिलांग में लगातार 4 दिन और अन्य राज्यों में इस हफ्ते तीन दिन बैंक बंद (Bank Holidays) होंगे।
कर्मचारी क्यों कर रहे हैं हड़ताल?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) समेत कई सरकारी बैंकों के कर्मचारी गुरुवार से दो दिवसीय हड़ताल (bank strike news) पर जाएंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने देश में कई बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। मालूम हो कि यूएफबीयू 9 बैंक यूनियनों का निकाय है।
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को एक नोटिस में कहा कि 16 दिसंबर और 17 दिसंबर को प्रस्तावित दो दिन की हड़ताल के मद्देनजर इसे व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।
हड़ताल से प्रभावित हो सकता है काम
एसबीआई ने पहले एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि, 'हमें इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) द्वारा सूचित किया गया है कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने हड़ताल का नोटिस दिया है। AIBEA, AIBOC, NCBE, AIBOA, BEFI, INBEF और INBOC ने अपनी मांगों के समर्थन में 16 और 17 दिसंबर, 2021 को देशव्यापी बैंक हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव रखा है। बैंक ने हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है। यह संभावना है कि हड़ताल से हमारे बैंक में काम प्रभावित हो सकता है।'
एसबीआई के बाद पंजाब नेशनल बैंक (PNB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और आरबीएल जैसे अन्य सरकारी बैंकों ने भी इसी तरह के नोटिस में कहा कि उनके परिचालन पर असर पड़ने की संभावना है। एसबीआई ने सोमवार को अपने कर्मचारियों से दो दिवसीय हड़ताल पर जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था क्योंकि इससे ग्राहकों और बैंक के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।