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पॉलिसी रिन्यूअल के नाम पर हो रहा है फ्रॉड, इस तरीके से पेमेंट करना पड़ेगा भारी

Updated Oct 06, 2021 | 15:05 IST

Policy Renewal Fraud: पॉलिसी रिन्यूअल के नाम पर ऐसे लोग निशाने पर हैं। जो धड़ल्ले से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। फ्रॉड करने वाले झांसा देकर उन्हें चूना लगा रहे हैं।

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प्रीमियम पेमेंट के नाम पर बढ़ा फ्रॉड। फोटो-आई स्टॉक
मुख्य बातें
  • झूठे बोनस और डिस्काउंट का ऑफर, ई-मेल या फोन के जरिए दिया जा रहा है।
  • बीमा कंपनियों के नाम पर, एक खास बैंक अकाउंट में प्रीमियम पेमेंट करने को कहा जाता है।
  • कैश बैक, प्रीमियम राशि में 30-40 फीसदी तक डिस्काउंट देने के लुभावने ऑफर दिए जाते हैं।

नई दिल्ली: अगर आप बीमाधारक हैं, तो सतर्क हो जाइए।  पॉलिसी रिन्यूअल के नाम पर बड़े पैमाने पर फ्रॉड किया जा रहा है। ऐसे में आप भी फ्रॉड करने वालों के निशाने पर हैं। इस बार ऐसे लोग  निशाने पर हैं जो धड़ल्ले से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। उन्हें पॉलिसी रिन्यू कराने पर कई तरह के लुभावने ऑफर, फ्रॉड करने वाले दे रहे हैं। जिसके झांसे में फंसकर लोग फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं।

कैसे फंस रहे हैं लोग

असल में धोखाधड़ी करने वाले,  लोगों को झूठे बोनस और डिस्काउंट का ऑफर दे रहे हैं। यह ऑफर उन्हें ई-मेल या फोन के जरिए दिया जा रहा है। इसके अलावा इस बात का भी झांसा दिया जा रहा है कि आप बेहद कम प्रीमियम देकर अपने परिवार के किसी सदस्यों को प्लान में शामिल कर सकते हैं। मसलन आपको इस तरह का मैसेज आ सकता है कि आप की मौजूदा पॉलिसी नंबर.... पर 30 फीसदी या 40 फीसदी तक बोनस दिया जा रहा है। या फिर ऐसा मैसेज आ सकता है कि अगर आप हमारी कंपनी से पॉलिसी रिन्यू कराते हैं तो आपको 20-30 फीसदी तक का डिस्काउंट मिल सकता है। 

कैसे होता है नुकसान

इस फ्रॉड से बचने के लिए मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी अपने ग्राहकों को मैसेज भेज रही है। उसके अनुसार ग्राहकों को ई-मेल या फोन के जरिए बोनस, डिस्काउंट या कैश बैक का ऑफर दिया जा सकता है। इसके तहत ग्राहकों को ऐसा मैसेज आ सकता है। Pay your Max Life policy premium online only to "HSBC Bank A/c no. 1165 <followed by your 9 digit policy no.>" IFS Code: HSBC0110002.

कंपनी के मैसेज से साफ है कि कई बार इस तरह के फर्जी  मैसेज के झांसे में कुछ लोग आ जाते हैं। और दिए गए बैंक अकाउंट में प्रीमियम के नाम पर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। और पैसा फ्रॉड करने वालों के पास चला जाता है।

किस बात का रखें ध्यान

इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी है कि, बीमा कंपनी कभी भी किसी को पेमेंट के लिए दूसरे बैंक का अकाउंट नंबर या आईएफएससी नहीं भेजती है। ऐसे में जब भी कोई पेमेंट के लिए  आप को कोई बैंक अकाउंट नंबर दे, तो समझिए कि यह फ्रॉड है। आम तौर पर बीमा कंपनियां एक लिंक भेजती हैं, जिस पर यह ऑप्शन होता है कि वह प्रीमियम का भुगतान डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग और दूसरे माध्यम से कर सकते हैं। 

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