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जरूरी सामानों पर अधिक कीमत चुकाने के लिए रहें तैयार, बढ़ने वाले हैं दाम, ये हैं वजह

Updated Apr 14, 2020 | 15:42 IST

Lockdown effect : कोरोना वायरस को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी गई है। लेकिन इससे जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।

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जरूरी समानों के बढ़ेंगे दाम

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को पीएम मोदी ने तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की। उनका कहना है कि  संक्रमण पर रोक लगाने में लॉकडाउन के प्रभावी नतीजे मिले हैं। पीएम ने कहा कि अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो अभी ये मंहगा जरूर लगता है लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। एक तरफ देशव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ा दी गई, वहीं दूसरी ओर आपको आवश्यक वस्तुओं के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। क्योंकि कंपनियों की रसद लागत बढ़ गई है।

रसद लागत बढ़ने के कई कारण
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रकर्स और ट्रांसपोर्टर्स 80% तक किराए बढ़ाए हैं और ऑपरेटर्स माल की ढुलाई पर सरचार्ज भी जोड़ रहे हैं क्योंकि वे रेगुलेटर्स चुनौतियों, मेनपावर की कमी और आपूर्ति में भारी गिरावट के कारण स्ट्रगल कर रहे हैं। जिस वजह से कंपनियों की लिए रसद लागत बढ़ गई है। बिजनेस डेली ने इंडस्ट्री के अधिकारियों के हवाले से कहा कि कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त लागत का बोझ पड़ने की संभावना है।

एयर इंडिया ने माल भाड़ा बढ़ाने की बात कही
ट्रकर्स ने टैरिफ में 80% तक की वृद्धि की है जबकि ब्लू डार्ट ने 25% इमरजेंसी स्थिति सरचार्ज (ईएसएस) को लागू किया है, प्रकाशन ने इस मामले के बारे में लोगों को अवगत कराया है। एयर इंडिया ने कहा कि अगर फेरी लगाने के लिए पर्याप्त माल नहीं है तो वह माल भाड़ा शुल्क 90% प्रति किलो तक बढ़ाएगा।

कई तरह की छूट के बाद भी बढ़ा ट्रकों का किराया
पब्लिकेशन ने इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के सीनियर फेलो एसपी सिंह के हवाले कहा कि टोल शुल्क की छूट, मोटर वाहन टैक्स और कुछ अन्य प्रोत्साहन जैसे ट्रक ऋण पर ईएमआई की मोहलत बढ़ने के बावजूद जरूरी सामान जैसे फल और सब्जी के लिए ट्रकों का किराया बढ़ गया है।

ट्रक ड्राइवरों की कमी
महाराष्ट्र में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी के डायरेक्टर अशोक वालुंज ने ईटी को बताया कि ज्यादातर ट्रकर्स को वन-वे माल ढोने के लिए मिलता है। खाली ट्रक वापस आते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में केवल 20% की वृद्धि है। मेनपावर की कमी भी एक कारण है। 5 मिलियन ट्रक ड्राइवरों में से 1.5 मिलियन तक काम पर नहीं आ रहे हैं।

ट्रक ड्राइवरों के लिए बीमा कवर की मांग
यहां उल्लेख करने योग्य बात यह है कि ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह ट्रक संघों के साथ मीटिंग की थी। अन्य बातों के अलावा, ट्रांसपोर्टर्स ने मांग की है कि जिन ट्रक ड्राइवरों को इन परिस्थितियों में गाड़ी चलाना है, उन्हें 25 लाख रुपए से अधिक का बीमा कवर दिया जाना चाहिए। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के एक सीनियर सदस्य बाल मलकीत सिंह ने बिजनेस डेली से ये बात कही। रविवार को, गृह मंत्रालय के एक निर्देश में कहा गया है कि आवश्यक और गैर-जरूरी सामानों के लिए सभी परिवहन को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

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