नई दिल्ली: सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 का आयकर विवरण दाखिल करने की समयसीमा बढ़ा दी है,सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिये मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 31 जुलाई 2020 तक बढ़ा दिया है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की जारी विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को भी 30 नवंबर 2020 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया गया है।
इस प्रकार आयकर की जो रिटर्न 31 जुलाई 2020 अथवा 31 अक्टूबर 2020 तक भरी जानी थी उन्हें अब 30 नवंबर 2020 तक दाखिल किया जा सकता है। इसके साथ ही कर आडिट रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा को 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
छोटे और मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत देने के लिए, सरकार ने करदाता के मामले में स्व-मूल्यांकन कर के भुगतान की समय सीमा भी बढ़ा दी है, जिसका स्व-मूल्यांकन कर दायित्व 1 लाख रुपये तक है वो 30 नवंबर 2020 तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
हालांकि, करदाताओं के लिए स्व-मूल्यांकन कर के भुगतान की तारीख का कोई विस्तार नहीं होगा, जिसमें स्व-मूल्यांकन कर देयता 1 लाख से अधिक है। इस स्थिति में, आयकर अधिनियम, 1961 (आईटी अधिनियम) में निर्दिष्ट नियत तारीखों तक पूरा स्व-मूल्यांकन कर देय होगा और विलंबित भुगतान आईटी अधिनियम की धारा 234 ए के तहत ब्याज भी देना होगा।
सीबीडीटी ने हाल ही में आकलन वर्ष (AY) 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म 1 से फॉर्म 7 को नोटिफाइड किया था।इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग वर्तमान में सिर्फ उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो कि एससेमेंट ईयर 2020-21 के लिए आईटीआर 1 और आईटीआर 4 दाखिल करना चाहते हैं। इनकम टैक्स विभाग ने जानकारी दी है कि AY 2020-21 के लिए आईटीआर 1 और आईटीआर 4 ई-फाइलिंग के लिए उपलब्ध है जबकि अन्य आईटीआर जल्द ही उपलब्ध होंगे। AY 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख भी बढ़ा दी गई है।
एडवांस टैक्स के भुगतान की तारीख को भी बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया है
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एडवांस टैक्स के भुगतान की तारीख को भी बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया है। फॉर्म 16 के जारी करने की अंतिम तारीख 10 जून, 2020 की समयसीमा को भी बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दिया गया। और जो लोग कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण 31 मार्च, 2020 तक अपनी टैक्स-सेविंग एक्सरसाइज को पूरा नहीं कर पाए, उनके लिए सरकार ने तारीख 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी थी। यह नोट करना महत्वपूर्ण है वित्तीय वर्ष में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वित्त वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स बचत को पूरा करने के लिए सिर्फ विस्तार किया गया है।