- यूपी का मुरादाबाद देश-दुनिया में पीतल नगरी के नाम से विख्यात है
- सरकार यहां पीतल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है
- अब यहां उद्यमियों की मांग पर इंडस्ट्रियल पार्क बनाने का प्रस्ताव है
मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद अपने पीतल के बेहतरीन उत्पादों के नाते देश और दुनिया में पीतल नगरी के नाम से विख्यात है। यहां के पीतल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार जनवरी 2018 में ही इसे जिले का एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) घोषित कर चुकी है। तबसे इस उद्योग को बढ़ावा देने, इससे जुड़े उद्यमियों और शिल्पकारों के हित में सरकार लगातार कदम उठा रही है। इसी क्रम में अब यहां पर इंडस्ट्रियल पार्क बनाने का भी प्रस्ताव है। पार्क की साइज क्या होगी, यह वहां के उद्यमियों की मांग पर निर्भर करेगा।
पार्कों में संबंधित उद्योग की जरूरत के अनुसार वे सभी सुविधाएं - बैंक, होटल, पोस्ट आफि स, कूरियर, शापिंग सेंटर, अस्पताल और स्कूल उपलब्ध होगीं जो आमतौर पर एक टाउनशिप में होती हैं। इनके अलावा उद्यिमयों और श्रमिकों की जरूरत के अनुसार सारी व्यवस्था होगी।
पीतल उद्योग को प्रोत्साहित कर रही सरकार
पीतल उद्योग को मुरादाबाद का ओडीओपी घोषित करने के बाद से ही सरकार इसे प्रोत्साहित करने का लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में यहां दो कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बन रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका ऑनलाइन शिलान्यास भी किया था। अगले छह महीने में ये केंद्र बनकर तैयार हो जाएंगे। इन केंद्रों में मेटल उत्पादों पर पीबीडी फि जिकल वेपर डिपॉजिशन और मेटल, सेरामिक्स, ग्लास और प्लास्टिक के उत्पादों पर क्रिस्टल फि जिकल वेपर डिपॉजिशन की सुविधा होगी। इससे उत्पादों की गुणवत्ता सुधरेगी।
कोटिंग के लिए उत्पाद को दूसरे राज्यों में न भेजे जाने से समय और लागत बचने का लाभ भी पीतल उद्योग से जुड़े सभी लोगों को होगा। उत्पादों की गुणवत्ता सुधरने से इनका निर्यात बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि इससे करीब दो हजार लोगों को और रोजगार मिलेगा। साथ ही स्थानीय कारीगरों की आय में सवा से डेढ़ गुना तक की वृद्घि होगी।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि ओडीओपी योजना से ढेरों रोजगार प्रदेशवासियों को मिले। उसी के अनुरूप इसे बनाया गया है। इस योजना से काफी मात्रा में लोग लाभान्वित हो रहे हैं। नौजवानों को और ज्यादा रोजगार मिले इस दिशा में नए तौर तरीके अपनाएं जा रहे हैं।'