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बजट 2021: इस बार भी होंगे बडे़ ऐलान, कुछ सरकारी बैंकों का होगा निजीकरण?

Updated Jan 26, 2021 | 11:54 IST

चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बजट 2021 में कई बड़े ऐलान होंगे। कुछ सरकारी बैंकों का निजीकरण भी हो सकता है।

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बजट 2021

नई दिल्ली: भारत धीरे-धीरे कोविड-19 महामारी के प्रकोप बाहर निकल रहा है और इसको देखते हुए कि टीकाकरण अभियान पहले ही शुरू हो चुका है और अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, सभी की निगाहें अब केंद्रीय बजट पर है जिसे 1 फरवरी, 2021 को संसद में प्रस्तुत किया जाना है। अपेक्षा पहले से ही बहुत अधिक है कि कई सेक्टर्स को अभी भी महामारी से होने वाले नुकसान से उबरने के लिए सरकार से लगातार सपोर्ट की जरूरत है।

अर्थशास्त्रियों के अनुसार सरकार को अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए बुनियादी ढांचे और सोशल सेक्टर पर पर्याप्त रूप से खर्च करने की जरुरत है। लेकिन यह देखते हुए कि राजस्व के स्रोत पहले से ही तनावपूर्ण हालत हैं, सरकार के विनिवेश पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की संभावना है और कुछ पब्लिक सेक्टर के बैंकों के निजीकरण की संभावना बजट प्रस्ताव का हिस्सा होगी।

प्री बजट की उम्मीदों में कोटक महिंद्रा बैंक के कंज्यूमर बैंकिंग ग्रुप अध्यक्ष शांति एकम्बाराम ने कहा कि पीएसयू बैंकों के पुनर्पूंजीकरण और निजीकरण के लिए आवंटन की अपेक्षा है। उन्होंने आगे कहा कि ग्रोथ केंद्रीय थीम होगा। जिसके आसपास बजट प्रस्ताव होंगे। कोविड-19 ने भारत के विकास पथ को बुरी तरह से बाधित कर दिया है और वित्त वर्ष 21-22 में ग्रोथ को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि  'इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण है और हमें इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग के लिए डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के गठन के साथ ही ज्यादा एलोकेशन देखने की संभावना है।'

महामारी के दौरान भारत के अनुभव को देखते हुए, उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और बीमा प्रोत्साहन में निवेश की दिशा में अधिक जोर होगा। आवास और अचल संपत्ति को बढ़ावा मिलने की संभावना है क्योंकि यह मुख्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। सरकार को संसाधन जुटाने की जरूरत है। आक्रामक विनिवेश कार्यक्रम की भी घोषणा होने की उम्मीद है।

बजट 2021 का अन्य प्रमुख फोकस नौकरियों के निर्माण पर होगा, जो भारत के मिडिल और निम्न मिडिल क्लास के लिए आर्थिक राहत प्रदान करेगा, जो महामारी से गहराई से प्रभावित हुए हैं। आर्थिक तनाव के बीच में मदद करने के लिए विशिष्ट सुधार भी एजेंडे में होंगे। एमएस एकंबरम ने कहा कि बजट में विकास को प्रोत्साहित करने और राजकोषीय घाटे के प्रबंधन के दोहरे उद्देश्यों को संतुलित करने का प्रयास करेगा। मांग प्रोत्साहन के उपाय भी महत्वपूर्ण हैं लेकिन राजकोषीय स्थिति को देखते हुए, सीमित हेडरूम उपलब्ध हो सकते हैं। सभी के लिए, बजट 2021 में एक आक्रामक "आत्मानिर्भर" विकास एजेंडा निर्धारित करने की संभावना है।

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