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बजट से फार्मा सेक्टर को उम्मीदें, क्या आम आदमी की सेहत का ख्याल रखेगी सरकार?

Updated Jan 29, 2022 | 15:41 IST

Union Budget 2022-23: एक फरवरी को बजट पेश किया जाना है। देखना यह होगा कि कोरोना काल में फार्मास्युटिकल्स सेक्टर को क्या तोहफा मिलता है।

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Budget 2022: बजट से फार्मा सेक्टर को उम्मीदें, क्या आम आदमी की सेहत का ख्याल रखेगी सरकार? (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • बजट 2022 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा।
  • इस साल के बजट से सभी उद्योगों को काफी उम्मीदें हैं।
  • हेल्थ सेक्टर को भी बजट 2022 से काफी उम्मीदें हैं।

Budget 2022: एक फरवरी 2022 को बजट 2022-23 पेश किया जाएगा। कोरोना काल में इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि हेल्थ सेक्टर को मोदी सरकार की तरफ से कुछ ना कुछ खास मिलेगा। आइए जानते हैं घरेलू फार्मास्युटिकल्स (दवा) उद्योग (Pharma Sector) को आगामी बजट से क्या उम्मीदे हैं।

फार्मास्युटिकल्स सेक्टर (Pharma Sector) को आगामी आम बजट से काफी उम्मीदे हैं। उद्योग का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 2022-23 के बजट में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाने, रिसर्च एंड डेवलपमेंट गतिविधियों को प्रोत्साहन और विभिन्न दवाओं पर कर छूट को जारी रखने जैसे कदम उठाएंगी। इसके अलावा उद्योग विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी चाहता है, जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता (Ease Of Doing Business) की स्थिति बेहतर हो सकेगी।

जीडीपी के तीन प्रतिशत होना चाहिए आवंटन 
भारतीय फार्मास्युटिकल्स उत्पादकों के संगठन (Organisation of Pharmaceutical Producers of India, OPPI) के अध्यक्ष एस श्रीधर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि, 'बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद के मौजूदा 1.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 से तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए। इसके अलावा जैव-फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए अलग से आवंटन किया जाना चाहिए।'

बीते साल उद्योग ने दर्ज की रफ्तार 
उन्होंने कहा कि बीते साल उद्योग ने उल्लेखनीय रफ्तार दर्ज की। विशेषरूप से कोविड-19 का टीका और दवाएं उपलब्ध कराने में उद्योग आगे रहा। श्रीधर ने कहा कि इस साल का बजट उद्योग की वृद्धि को जारी रखने और सिर्फ कोविड ही नहीं अन्य बीमारियों के लिए नवोन्मेषी स्वास्थ्य समाधानों तक पहुंच की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार को दवाओं पर सीमा शुल्क छूट को जारी रखना चाहिए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है, तो मौजूदा परिदृश्य में इस तरह की दवाओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विरले प्रकार के रोगों के लिए नवोन्मेषी दवाओं पर आयात शुल्क छ्रट पर विचार किया जाना चाहिए।

इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, 'फार्मा क्षेत्र में कारोबार सुगमता की स्थिति को सुगम करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाने चाहिए। प्रक्रियाओं को सरल और उद्योग के अनुकूल किया जाना चाहिए। साथ ही अड़चनों को दूर करने और निवेश को प्रोत्साहन के कदम उठाए जाने चाहिए।'
(इनपुट एजेंसी- भाषा)

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