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विकास का एक्सप्रेसवे: 15 हजार करोड़ की लागत से बने 296 किमी लंबे एक्सप्रेसवे से रोजगार का होगा सृजन

Updated Jul 16, 2022 | 06:00 IST

Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से ना सिर्फ टूरिज्म बल्कि उद्योग क्षेत्र को भी लाभ होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट तक जाता है इसलिए अब भगवान राम से जुड़े चित्रकूट तक पहुंचना और भी आसान हो गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
थोड़ी ही देर में बुंदेलखंडवासियों को PM देने वाले हैं तोहफा
मुख्य बातें
  • आज एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के लिए बुंदेलखंडवासियों में खुशी की लहर है।
  • बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में यह एक्सप्रेसवे मददगार साबित होगा।
  • परियोजना की कुल लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में रहने वालों के लिए आज का दिन बेहद खास है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे और करीब 11:30 बजे जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही बुंदेलखंड अब सीधे दिल्ली और लखनऊ से जुड़ जाएगा। यह उत्तर प्रदेश का चौथा एक्सप्रेसवे है, जिसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के सहयोग से पूरा किया गया है।

28 महीनों में पूरा हुआ निर्माण कार्य
केंद्र सरकार देश में कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए जानी जाती है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीनों के भीतर पूरा कर लिया गया है।

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तस्वीर साभार: Twitter

चार लेन वाले एक्सप्रेसवे की खासियत
कुल 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इतना ही नहीं, आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है। यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है।

सात जिलों गुजरेगा एक्सप्रेसवे 
यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। एक्सप्रेसवे में 286 छोटे पुल और 18 बड़े पुल के साथ चार रेल पुल हैं। इसके साथ ही छह टोल प्लाजा, नौ फ्लाईओवर, सात रैंप प्लाजा और 224 अंडरपास भी हैं।

तस्वीर साभार: ANI

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रोजगार का होगा सृजन
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिए हजारों रोजगार का सृजन होगा। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।

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