- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन को कड़ा संदेश दिया है
- ट्रंप बोले- चीन के साथ व्यापार को लेकर बातचीत शुरू करने में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है
- उन्होंने समझौते का सम्मान नहीं करने पर बेहद गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी
वॉशिंगटन : कोरोना वायरस महामारी से उपजे हालात के बीच चीन और अमेरिका के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत शुरू करने में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है। ट्रंप का बयान हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की उस रिपोर्ट के बारे में आया, जिसमें कहा गया था कि चीन व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत करना चाहता है, ताकि इसे बीजिंग के अधिक अनुकूल बनाया जा सके।
ट्रंप ने कहा- कभी भी नहीं
जब इस रिपोर्ट के बारे में ट्रंप से पूछा गया, क्या आप ऐसा करने के इच्छुक हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, नहीं। कभी भी नहीं। कुछ हद तक भी नहीं। नहीं, मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। हमने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बारे में मैंने भी सुना है वे अपने लिए एक बेहतर समझौता बनाने के लिए बिजनेस डायलॉग को फिर से खोलना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि चीन कई दशकों से अमेरिका का फायदा उठा रहा था, क्योंकि उनके पूर्ववर्तियों ने ऐसा होने दिया। उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। देखते हैं कि उन्होंने जिस समझौते पर दस्तखत किए हैं, वे उसका पालन करते हैं या नहीं।
गंभीर परिणाम भुगतने की दी थी चेतावनी
ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि अगर चीन ने समझौते का सम्मान नहीं किया और कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसके प्रावधानों का पालन नहीं किया, तो वे इसे रद्द कर देंगे। इससे एक दिन पहले अमेरिका ने बीजिंग को व्यापार युद्ध खत्म करने के लिए इस साल की शुरुआत में हुए समझौते का सम्मान नहीं करने पर बेहद गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। इससे पहले अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने चार मई को चेतावनी दी थी कि अगर चीन ने व्यापार समझौते का सम्मान नहीं किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
समझौते के तहत खरीदना है 200 अरब डॉलर का प्रोडक्ट
अमेरिका और चीन के बीच जनवरी में हुए इस समझौते के तहत बीजिंग ने 2020-21 में कम से कम 200 अरब डॉलर से अधिक के अमेरिकी प्रोडक्ट्स और सेवाओं की खरीद करने पर सहमति जताई थी। उधर पिछले साल अमेरिका में चीन का प्रत्यक्ष निवेश 2009 की आर्थिक मंदी के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव और चीन सरकार के विदेश में निवेश पर कुछ प्रतिबंध लगाने के कारण अमेरिकी में बीजिंग का निवेश घटा है।
अमेरिका में चीन का निवेश सबसे निचले स्तर पर
अमेरिका-चीन संबंधों पर राष्ट्रीय समिति और रोडियम ग्रुप कंसल्टेंसी की सोमवार को आई रिपोर्ट में पाया गया कि अमेरिका में चीन का प्रत्यक्ष निवेश 2018 के 5.4 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2019 में पांच अरब डॉलर रह गया, जो 2009 की मंदी के बाद सबसे कम है। प्रत्यक्ष निवेश में विलय, अधिग्रहण और कार्यालयों या फैक्टरियों में निवेश शामिल हैं, लेकिन इसमें शेयरों या बॉन्ड की खरीद जैसे वित्तीय निवेश शामिल नहीं किए जाते हैं।