- सोने पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से लोग धोखाधड़ी से बचेंगे।
- शुद्धता के लिहाज से वही सोना मिलेगा, जिसके लिए आपने भुगतान किया है।
- जौहरी लोगों से बिना हॉलमार्क वाले सोना खरीदना जारी रख सकते हैं।
सोने की ज्वैलरी और कलाकृतियों पर हॉलमार्किंग करना आज (16 जून) से अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत सबसे पहले 256 जिलों में की जाएगी। हॉलामार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का सर्टिफिकेट है। अभी यह व्यवस्था स्वैच्छिक रखी गई थी। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अप्रैल 2000 से सोने की ज्वैलरी के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है।
वर्तमान में करीब 40% सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है। गहन विचार-विमर्श के बाद सरकार ने ज्वैलरी सेक्टर में कुछ इकाइयों के लिए अनिवार्य हॉलामार्किंग व्यवस्था से छूट दी है। उदाहरण के लिए 40 लाख रुपए तक के सालाना कारोबार वाले ज्वैलरी निर्माताओं को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी जाएगी।
सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग से जुड़ी खास बातें
- सोने पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से लोग धोखाधड़ी से बचेंगे और उन्हें शुद्धता के लिहाज से वही चीज मिलेगी, जिसके लिए उन्होंने भुगतान किया है।
- 16 जून से 256 जिलों के जौहरियों को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी बेचने की अनुमति होगी। अतिरिक्त 20, 23 और 24 कैरेट के सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की अनुमति होगी।
- इस व्यवस्था से उन इकाइयों को भी छूट दी गई है, जो सरकार की व्यापार नीति के तहत आभूषण का निर्यात और पुन:आयात करते हैं।
- इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के साथ-साथ सरकार की मंजूरी वाले बी2बी (व्यापारियों के बीच) घरेलू प्रदर्शनी के लिए भी इससे छूट होगी।
- इसके अलावा सरकार ने कहा कि उसने घड़ियों, फाउंटेन पेन में इस्तेमाल सोने और कुंदन, पोल्की तथा जड़ाऊ आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है।
- जौहरी उपभोक्ताओं से बिना हॉलमार्क वाले सोना खरीदना जारी रख सकते हैं।
- पुराने आभूषणों को पिघलाने और नए आभूषण बनाने के बाद जौहरी द्वारा व्यावहारिक होने पर हॉलमार्क किया जा सकता है।
- सरकार ने इस मुद्दे को देखने के लिए सभी पक्षों, राजस्व अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का फैसला किया है।
- अगस्त 2021 तक इस मामले में कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में उद्योग जगत के साथ बैठक में इस आशय का फैसला किया गया। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा कि हमारी सरकार का ग्राहकों की बेहतर सुरक्षा और संतुष्टि का निरंतर प्रयास रहा है। इसी कड़ी में 16 जून, 2021 में 256 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है।
गौर हो कि सरकार ने 2019 में स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों पर 15 जनवरी, 2021 से हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने की घोषणा की थी।
लेकिन बाद में समयसीमा 4 महीने के लिए एक जून तक बढ़ा दी गई। पुन: जौहरियों की महामारी के कारण समयसीमा आगे बढ़ाए जाने के अनुरोध के बाद इसे 15 जून कर दिया गया।
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और शुरू में 256 जिलों में इसे क्रियान्वित किया जाएगा जहां मूल्यवान धातु की शुद्धता की जांच के लिए केंद्र हैं। सचिव ने कहा कि बैठक में उद्योग की चिंताओं को दूर किया गया है।