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ATM कार्ड से कॉन्टैक्टलेस लेनदेन का नियम बदला, 1 जनवरी से कर सकेंगे इतने रुपए का ट्रांजेक्शन

Updated Dec 04, 2020 | 19:26 IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश किया। आरबीआई ने कहा कि कार्ड और यूपीआई से कॉन्टैक्टलेस लेनदेन की सीमा में भी बढ़ोतरी की।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
कार्ड से कॉन्टैक्टलेस लेन-देन लिमिट में बढ़ोतरी होगी
मुख्य बातें
  • आरबीआई ने कॉन्टैक्टलेस लेन-देन की सीमा 1 जनवरी 2021 से बढ़ोतरी का ऐलन किया है
  • आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दी जाएगी
  • आरबीआई ने कहा कि RTGS सिस्टम जल्द ही सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध कराई जाएगी

सकुशल और सुरक्षित तरीके से डिजिटल भुगतानों को तेजी से अपनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज (04 दिसबंर) कहा कि कार्ड और यूपीआई से कॉन्टैक्टलेस लेन-देन की सीमा 1 जनवरी 2021 से 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दी जाएगी। यह कार्ड यूजर्स के विवेक पर होगा। इस दौरान आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रूख को बनाए रखते हुए कहा है कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए  हर संभव कदम उठाएगा। साथ ही आरबीआई ने कहा कि RTGS सिस्टम जल्द ही सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध कराई जाएगी।

आरबीआई ने व्यवसायों के अनुकूल एक कदम की घोषणा करते हुए कहा कि बड़े लेन-देन के लिए प्रयोग में आने वाली RTGS सिस्टम अगले कुछ दिनों में चौबीसों घंटे काम करने लगेगी। रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2019 में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) प्रणाली को चौबीसों घंटे के लिए उपलब्ध बनाया था। ऐसा होने से पहले की तुलना में पांच दिन के बजाय अब सातों दिन एईपीएस, आईएमपीएस, एनईटीसी, एनएफएस, रुपे, यूपीआई लेन-देन के निपटान के क्रियान्वयन से स्वाभाविक जोखिम व दबाव कम होने का अनुमान है। यह भुगतान की पारिस्थितिकी को अधिक दक्ष बनायेगा।

दास ने कहा कि डिजिटल भुगतान को सुरक्षित तरीके से बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि यूपीआई या कार्ड के जरिए बिना संपर्क के किए जा सकने वाले भुगतान के मामलों में प्रति लेन-देन की सीमा को एक जनवरी 2021 से 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ग्राहकों की इच्छा पर निर्भर करेगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि इससे संबंधित परिचालन के दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने जुलाई 2019 से एनईएफटी व RTGS के माध्यम से किए जाने वाले लेन-देन पर शुल्क लेना बंद कर दिया है। एनईएफटी का इस्तेमाल दो लाख रुपए तक के लेन-देन में किया जाता है, जबकि बड़े लेन-देन RTGS के माध्यम से किए जाते हैं। दास ने कहा कि लोगों के बीच वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफएल) अभी 100 प्रखंडों में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से मार्च 2024 तक सभी प्रखंडों में ऐसे केंद्र बनाए जाएंगे।

अभी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़ सप्ताह के सभी कार्य दिवसों में सुबह के सात बजे से शाम के छह बजे तक काम करती है।

 

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