- कोरोना वायरस की वजह से इस साल नियुक्ति प्रक्रिया करीब थम सी गई है
- कुछ उद्योग ऐसे भी हैं जहां अब भी कर्मचारियों की मांग है
- यह मांग आने वाले समय में बढ़ सकती है
नई दिल्ली : कोरोना वायरस की वजह से उपजे संकट ने देश और दुनिया का अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। सभी आर्थिक गतिविधियां ठप है। लेकिन देश में तीसरे लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने का प्रयास किया जा रहा है। फिर भी इस असर रोजगार पर साफ दिख रहा है। कहीं नौकरियों से छटनी हुईं हैं तो सैलरी में कटौती हुई है। और कुछ कंपनियों ने नई नियुक्तियां टाल दी हैं। फिर भी थोड़ी आशा की किरणें नजर आज रही हैं क्योंकि उद्योग जगत के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल नियुक्तियां जारी रहेंगी लेकिन उसकी गति जरूर कम होगी।
संकट के बीच मांग बढ़ने की उम्मीद
कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों को नौकरी के बारे में सूचना देने वाली ग्लोबलहंट की रिपोर्ट के अनुसार इस साल नियुक्ति प्रक्रिया करीब थम सी गई है लेकिन कुछ उद्योग ऐसे भी हैं जहां अब भी मांग है और आने वाले समय में मांग बढ़ सकती है। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन से विमानन, यात्रा और होटल, वाहन, खुदरा तथा विनिर्माण क्षेत्र का पहिया करीब-करीब थम गया है। इसका कारण मांग के साथ-साथ सप्लाई चेन का बाधित होना है। हालांकि कुछ सेक्टर में कोरोना वायरस संकट एक अवसर के रूप में दिख रहा है। कोविड-19 काल में नियुक्ति शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार लाइफ साइंस और स्वास्थ्य से जुड़े उद्योगों में टैलेंट की मांग बढ़ेगी। इन सेक्टरों को अपनी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए वर्कफोर्स की जरूरत होगी।
टेलकॉम और ई-कॉमर्स सेक्टर में मिलेंगी नौकरियां
इसके अलावा टेलकॉम सेक्टर में भी तत्काल मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसका कारण बड़ी संख्या में लोगों का घर से ही काम करना है और यह प्रवृत्ति आगे भी बनी रह सकती है। इसके अलावा ई-कॉमर्स सेक्टर का भी दायर बढ़ेगा क्योंकि जो लोग अभी ऑनलाइन खरीदारी नहीं कर रहे थे, वे भी अब इससे जुड़ सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल पैमेंट मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनियों में भी नए लोगों की मांग होगी। यह स्थिति तबतक होगी जबतक लोग खरीदारी के लिए बाहर नहीं निकलने लगते।
नौकरी पाने के लिए अपनाना होगा लचीला रूख
ग्लोबल हंट इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि लोगों को नौकरी स्वीकार करने को लेकर थोड़ा लचीला रूख अपनाना होगा। साथ ही कंपनियों को भी लचीला रुख अपनाने की जरूरत होगी। कुछ छंटनी हो सकती है, वेतन में भी कटौती होगी, कर्मचारियों को महीने में कम दिन ही काम करने का अवसर मिल सकता है लेकिन एक-दो तिमाही में स्थिति बदलेगी और चीजें ढर्रे पर आएंगी।
वेतन और वेतन वृद्धि पर पड़ेगा प्रभाव
यह रिपोर्ट प्रमुख संगठनों के संभावित कंपनियों और नौकरी चाहने वालों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि वेतन और वेतन वृद्धि पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। कोरोना वायरस संकट से पहले एक नौकरी छोड़कर दूसरी कंपनी में जाने पर वेतन में 30 से 50% तक की वृद्धि होती थी लेकिन रोजगार के अवसर कम होने के कारण यह 15 से 25% ही रह सकता है।