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Vegetables prices : छठ पर्व पर बढ़ी सब्जियों की मांग, कीमतों में तेजी, यहां जानिए ताजा भाव

Updated Nov 19, 2020 | 10:43 IST

छठ पर्व पर फलों और सब्जियों की डिमांड बढ़ गई है। इससे हरी शाक-सब्जियों के दाम में फिर से तेजी आ गई है। यहां जानिए सब्जियों के ताजा भाव।

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सब्जियों की कीमतों में इजाफा

नई दिल्ली : छठ पर्व पर फलों और सब्जियों की मांग बढ़ गई है। दिवाली से पहले हरी शाक-सब्जियों के दाम में नरमी आई थी, लेकिन बुधवार को लौकी, बैगन समेत तमाम सब्जियों के खुदरा दाम में तकरीबन 20 से 25% की तेजी दर्ज की गई। वहीं, आलू और टमाटर तो पहले से ही 50 रुपए से ऊपर चल रहे हैं। लोक आस्था का पर्व छठ पूजा में प्रकृति से प्राप्त सामग्री की विशेष प्रधानता होती है, इसलिए कई प्रकार की मौसमी सब्जियां और फलों का उपयोग चढ़ावे के रूप में होता है।

फलों और सब्जियों की एशिया की सबसे बड़ी मंडी 'आजादपुर सब्जी मंडी' में हालांकि नया आलू उतरने से आलू के थोक भाव में हालांकि थोड़ी नरमी ही दर्ज की गई, लेकिन मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि आलू की आवक जब तक नहीं बढ़ेगी, तब तक दाम में ज्यादा नरमी की उम्मीद नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि इस समय छठ पर्व को लेकर सब्जियों और फलों की मांग बढ़ गई है, इसलिए कीमतों में नरमी की उम्मीद नहीं है, लेकिन सोमवार से आलू की आवक बढ़ने पर दाम में नरमी आ सकती है। उन्होंने बताया कि अच्छी क्वालिटी का नया आलू बुधवार को थोक में 36 रुपए से 41 रुपए प्रति किलो, जबकि पुराना आलू 28 रुपए से 36 रुपए प्रति किलो बिका।

हालांकि आजादपुर एपीएमसी की रेट लिस्ट के अनुसार, मंडी में आलू का थोक भाव 22 रुपए से 34 रुपए प्रति किलो और प्याज का थोक भाव 15 रुपए से 45 रुपए प्रति किलो, जबकि टमाटर का थोक भाव 5.75 रुपए से 34 रुपए प्रति किलो था।

दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों के बुधवार को खुदरा भाव (रुपए प्रति किलो)

आलू नया- 60, आलू पुराना-50, प्याज-50 से 60, टमाटर- 50 से 60, करैला-80, बैगन-50, खीरा- 50, शिमला मिर्च- 80, परवल-80, मूली-30, गाजर- 60, कद्दू- 40, भिंडी-60, शलगम-60, मटर-160, तोरई-60, कच्चा पपीता-40, बंद गोभी-50 फूलगोभी-40

बिहार के रहने वाले पप्पू कुमार ग्रेटर नोएडा में सब्जी बेचते हैं। कुमार ने बताया कि चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की तैयारी दिवाली के बाद से ही शुरू हो जाती है, जब लोग व्रती और उनके परिवार के लोग मांस-मछली खाना छोड़ देते हैं, इसलिए इस पर्व पर सब्जियों और फलों की खपत बढ़ जाती है।

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