- आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी गई है
- कंपनियों के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 दिन बढ़ाई गई
- अभी तक व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2020 थी
नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी गई है। 30 दिसंबर तक 8,96,617 लोग ITR दाखिल कर चुके हैं। ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख को तीसरी बार बढ़ाया गया है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार (30 दिसंबर) को कहा कि कंपनियों और ऐसे व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स जिन्हें अपने अकाउंट का ऑडिट कराने की जरूरत है। उनके लिए रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 15 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है। अभी तक व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2020 थी। वहीं कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी, 2021 थी। बिना विलंब शुल्क के वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए अंतिम तिथि तक 5.65 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे। पिछले साल आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख को 31 अगस्त, 2019 तक बढ़ाया गया था।
समय सीमा के बाद ITR फाइल करने पर लगेगा जुर्माना
ITR भरने की आखिरी समय सीमा मिस करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2020 से बढ़ाकर 10 जनवरी 2021 कर दी गई है। इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 234F के तहत आखिरी तारीख के बाद ITR दाखिल करने के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए हो सकता है। हालांकि, छोटे टैक्सपेयर्स के लिए एक राहत दी गई है, अगर उनकी सालाना आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं है, तो ITR दाखिल करने के लिए आखिरी तारीख के बाद फाइल करने पर जुर्माना 1000 रुपए है। वित्तीय वर्ष के लिए ITR प्रत्येक वर्ष की निर्धारित तिथि के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए नहीं तो वित्त वर्ष 2017-18 से धारा 234A के तहत लेट फाइलिंग शुल्क जमा करना होगा।
ITR के होते 7 फॉर्म
ITR-1 सहज फॉर्म को कोई भी सामान्य निवासी जिसकी सालाना आय 50 लाख रुपए से अधिक नहीं है, अपनी व्यक्तिगत आय के बारे में जानकारी देते हुए भर सकता है। वहीं ITR- 4 सुगम फॉर्म को ऐसे निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) द्वारा भरा जा सकता है जिनकी व्यवसाय और किसी पेशे से अनुमानित आय 50 लाख रुपए तक है। वहीं ITR- 3 और 6 व्यवसायियों के लिए, ITR- 2 आवासीय संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा भरा जाता है। ITR- 5 फॉर्म एलएलपी और एसोसिएशन ऑफ पर्सन के लिए, वहीं ITR- 7 उन लोगों के लिए है जिन्हें ट्रस्ट या अन्य कानूनी दायित्वों के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त होती है।