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प्‍लास्टिक मुक्‍त भारत की कवायद, रेलवे स्‍टेशनों पर मिलेगा कुल्हड़ में चाय का स्वाद, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

Updated Nov 29, 2020 | 17:09 IST

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जहां कुल्‍हड़ में चाय पीने का स्‍वाद ही अलग होता है, वहीं इससे लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंतित हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
प्‍लास्टिक मुक्‍त भारत की कवायद, रेलवे स्‍टेशनों पर मिलेगा कुल्हड़ में चाय का स्वाद, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
मुख्य बातें
  • देश में फिलहाल लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती है
  • रेल मंत्री का कहना है कि कुछ समय में देश के हर रेलवे स्‍टेशन पर ऐसा होगा
  • उन्‍होंने कहा कि कुल्‍हड़ में चाय स्‍वाद देने के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचाता है

जयपुर : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि आने वाले समय में देश के हर रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक मुक्त कुल्हड़ में ही चाय मिलेगी। राजस्थान के अलवर में ढिगावड़ा रेलवे स्टेशन पर ढिगावड़ा - बांदीकुई रेलखंड पर विद्युतीकृत रेलमार्ग के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, 'आज देश में लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती है। आगे चलकर हमारी योजना है कि देश के हर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में चाय बिकेगी.. प्लास्टिक मुक्त भारत में रेलवे का भी यह योगदान रहेगा। इससे लाखों भाई बहनों को रोजगार मिलता है।'

उन्होंने कहा कि पहले एक जमाना था जब रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती थी। जब 2014 में केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई तब तक कुल्हड़ गायब हो गए और प्लास्टिक के कप में चाय मिलनी शुरू हो गई थी। रेल मंत्री ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग विभाग के लोगों ने रेलवे के साथ मिलकर इस कार्य को गति दी है। गोयल ने कहा, 'मैं अभी कुल्हड़ में चाय पी रहा था.. वास्तव में कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है.... और पर्यावरण को भी आप बचाते हो।'

'पीएम मोदी लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए चिंतित'

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2014 में जब से सत्ता में आए है तब से वह लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है। उन्होंने निर्णय किया है कि देशभर की रेलवे लाइन का शत प्रतिशत विद्युतीकरण करेंगे। उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 के बीच में राजस्थान में रेलवे का शून्य विद्युतीकरण हुआ था और 2014 के बाद 1433 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है।

गोयल ने कहा, 'आज के इस विद्युतीकरण के खत्म हो जाने के बाद अब रेवाडी से अजमेर तक जाने वाले रेलमार्ग पर अब शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है और अब पूरी तरह से गाडियां इलेक्ट्रिक लाइन पर चलेगी.. आपके क्षेत्र में डीजल की गाड़ियां बंद करके हम आपके क्षेत्र के प्रदूषण को पूरी तरीके से शून्य करेंगे। इससे ट्रेन की गति भी बढ़ेगी और उद्योग, किसानों के उत्पाद को जल्दी भेज सकेंगे।'

रेल से देश के कोने-कोने में पहुंचेगा कृषि उत्पाद

उन्होंने कहा, 'हमारी किसान रेल किसानों का सरसों देश के कोने काने तक पहुंचा पायेगी और किसानों को सही मूल्य और दाम मिलेगा। जिस व्यक्ति से किसानों को पूरी कीमत मिल सकेगी उन्हें वे अपना माल भेज सकेंगे।' गोयल ने कहा कि रेल मार्ग के विद्युतीकरण से यहां से दिन रात चलने वाली मालगाडियों के खर्च को कम कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विकास का लाभ देश के हर कोने तक हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

गोयल ने कहा कि राजस्थान में 2009 से 2014 के बीच पांच वर्ष में रेलवे के 65 अंडरपास बने थे, जबकि 2014 से 2020 के बीच छह गुना अधिक 378 अंडरपास बनाए गए। उन्होंने कहा कि इसी तरह 2009 से 2014 के बीच रोड ओवरब्रिज पांच साल में मात्र चार बने थे वहीं 2014 से 2020 के बीच 30 रोड ओवरब्रिज बने। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से सात नई लाइनों पर काम चल रहा है। इस अवसर पर रेल मंत्री ने 34 किलोमीटर के नए विद्युतीकृत ढिगावड़ा-बांदीकुई रेल खंड पर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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