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Edible oil oilseed price today: सस्ते विदेशी तेलों का असर घरेलू तेल कीमतों पर, जानिए 21 जुलाई का ताजा भाव

Updated Jul 21, 2020 | 20:17 IST

Edible oil oilseed price today (खाद्य तेल का आज का रेट)  21 जुलाई : सस्ते पामतेल की आयात बढ़ने से सोयाबीन डीगम की भी मांग कमजोर रही और सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
सस्ते विदेशी खाद्य तेलों का असर घरेलू तेल कीमतों पर
मुख्य बातें
  • होटलों और छोटे खान पान की दुकानों की मांग बढ़ने से पाम तेल कीमतों में सुधार रहा
  • सस्ते पामतेल की आयात बढ़ने से सोयाबीन डीगम की भी मांग कमजोर रही और सोयाबीन तेल कीमतों में हानि दर्ज हुई
  • सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से तिलहन फसल- सरसों दाना और मूंगफली दाना के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए

Edible oil oilseed price today, 21 July 2020 : देश में सस्ते खाद्य तेलों का आयात बढ़ने से मंगलवार को देशी तेल तिलहनों के भाव दबाव में बने रहे। दूसरी ओर लॉकडाऊन में ढील के बाद होटलों और छोटे खान पान की दुकानों की मांग बढ़ने से पाम तेल कीमतों में सुधार रहा। तेल उद्योग के कारोबारी सूत्रों ने कहा कि संभवत: पहली बार देखने को मिल रहा है मंडियों में पाम तेल दो अलग अलग भाव पर बिक रहे हैं और इन कारोबारियों को आशंका है कि पाम तेल के साथ पामोलीन सम्मिश्रित करके बेचे जाने की वजह से पामतेल के दो अलग अलग भाव है। सस्ते पामतेल की आयात बढ़ने से सोयाबीन डीगम की भी मांग कमजोर रही और सोयाबीन तेल कीमतों में हानि दर्ज हुई।

बाजार के कारोबारी सूत्रों ने कहा कि बाजार में पाम तेल के दो अलग अलग भाव हैं और सभवत: इसका कारण कच्चा पामतेल में पामोलीन का सम्मिश्रण किया जाना है। उन्होंने कहा कि देश में पामोलीन के आयात पर रोक है। उन्होंने कहा कि विदेशों में पामोलीन का भारी स्टॉक जमा है और आगे भी उत्पादन में वृद्धि के आसार हैं तथा इस बात की संभावना हो सकती है और मलेशिया व इंडोनेशिया में आगामी बम्पर फसल को संभालने के लिए विदेशी कंपनियां अपने पामोलीन के स्टॉक को खपाने का प्रयास कर रही हों।

सूत्रों ने बताया कि संभावित रूप से सम्मिश्रण वाले कच्चा पामतेल (सीपीओ) का भाव राजधानी की मंडियों में अधिक यानी 7,360 रुपए क्विन्टल तथा बगैर मिलावट वाले सीपीओ का भाव 7,290 रुपए क्विन्टल है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिये और प्रतिबंधित पामोलीन मिश्रित सीपीओ के आयातक कंपनियों का लाइसेंस रद्द करना चाहिए।

मंगलवार को तेल तिहलन (oil oilseed) के बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपए प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन : 4,665- 4,715 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए।
मूंगफली दाना : 4,740 - 4,790 रुपए।
वनस्पति घी : 965 - 1,070 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) : 12,480 रुपए।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल : 1,875 - 1,925 रुपए प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी : 9,700 रुपए प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी : 1,540 - 1,680 रुपए प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी : 1,640 - 1,760 रुपए प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल : 11,000 - 15,000 रुपए।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली : 9,180 रुपए।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर : 8,960 रुपए।
सोयाबीन तेल डीगम :  8,050 रुपए।
सीपीओ एक्स-कांडला : 7,360 (संभावित रूप से पामोलीन सम्मिश्रित) 7,290 रुपए (बगैर सम्मिश्रित)।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) : 7,800 रुपए।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली : 8,700 रुपए।
पामोलीन कांडला : 7,960 रुपए (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव : 3,660- 3,685 लूज में 3,395-3,460 रुपए।
मक्का खल (सरिस्का) : 3,500 रुपए ।

कारोबारी सूत्रों ने कहा कि इस सस्ते आयात के कारण सोयाबीन डीगम की मांग भी प्रभावित हुई है। इसके अलावा मंगलवार को वायदा कारोबार में भी सोयाबीन के भाव टूटने से यहां सोयाबीन दिल्ली, इंदौर कीमतों तथा सोयाबीन दाना (तिलहन) में मामूली गिरावट दर्ज हुई। इसके अलावा सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से तिलहन फसल- सरसों दाना और मूंगफली दाना के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि स्थानीय मांग होने के बावजूद सस्ते आयात के बढ़ने के कारण वायदा और हाजिर मंडियों में सूरजमुखी, सोयाबीन दाना जैसे तिलहनों के भाव लागत से भी कम हैं जिससे तिलहन उत्पादक किसान, तेल उद्योग और आम उपभोक्ता परेशान हैं।

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