नई दिल्ली। देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़े हैं। यह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आंकड़ों से पता चलता है। ईपीएफओ ने इस साल जुलाई में 18.23 लाख नये अंशधारक जोड़े हैं जो पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 24.48 प्रतिशत अधिक है। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईपीएफओ के मंगलवार को जारी नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में जोड़े गये कुल नये सदस्यों में से करीब 10.58 लाख सदस्य पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आये हैं।
युवाओं को मिल रही हैं संगठित क्षेत्र में नौकरी
आंकड़ों के अनुसार, नये सदस्यों की संख्या में वृद्धि अप्रैल, 2022 से जारी है। कुल 10.58 लाख नये सदस्यों में से करीब 57.69 प्रतिशत 18 से 25 साल के आयु वर्ग के हैं। यह बताता है कि शिक्षा पूरी करने के बाद नये लोगों को संगठित क्षेत्र में काम मिल रहा है। साथ ही संगठित क्षेत्र में जो नौकरियां आ रही हैं, वे युवाओं को मिल रही हैं।
आलोच्य महीने में करीब 4.07 लाख सदस्य ईपीएफओ के दायरे से बाहर हुए हुए जबकि 11.72 लाख बाहर होने के बाद फिर से ईपीएफओ से जुड़े। स्त्री-पुरूष आधार पर शुद्ध रूप से 4.06 लाख महिलाएं ईपीएफओ से जुड़ीं। यह पिछले साल जुलाई के मुकाबले 34.84 प्रतिशत अधिक है। आलोच्य महीने में ईपीएफओ से जुड़े कुल नये सदस्यों में महिला कार्यबल की हिस्सेदारी 27.54 प्रतिशत है जो पिछले 12 महीने में सर्वाधिक है। यह बताता है कि संगठित क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
इन राज्यों में बढ़ी सदस्यों की संख्या
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में मासिक आधार पर शुद्ध रूप से जुड़े सदस्यों की संख्या बढ़ी है। माह के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली में शुद्ध रूप से 12.46 लाख सदस्य जुड़े। यह विभिन्न आयु वर्ग में शुद्ध रूप से ईपीएफओ से जुड़े सदस्यों का 68.36 प्रतिशत है।
बयान के अनुसार, संगठित क्षेत्र में रोजगार का यह आंकड़ा अस्थायी है क्योंकि आंकड़ें लगातार आते रहते हैं। कर्मचारियों के रिकार्ड को अद्यतन करना एक निरंतर प्रक्रिया है। इसी के तहत पिछले आंकड़ों को हर महीने अद्यतन किया जाता है।