- सरकारों द्वारा पेट्रोल-डीजल पर खूब वसूला जा रहा टैक्स
- पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगा मोदी सरकार ने 21 लाख 50 हजार करोड़ की लूट की: कांग्रेस
- 2014 के बाद से उत्पाद शुल्क में काफी वृद्धि हुई है
नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्थिति ये है कि कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपए तक मिल रहा है। पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार 12वें दिन बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 90.58 रुपए प्रति लीटर हो गया है और डीजल 80.97 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 97 रुपए प्रति लीटर हो गया है और डीजल 88.06 रुपए प्रति लीटर।
ऐसे में मोदी सरकार पर कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है। मोदी सरकार पर आरोप है कि उसने 2014 से अपने कार्यकाल उत्पाद शुल्क में बेहताशा बढ़ोतरी की है, जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ईंधन पर लगाए गए अतिरिक्त करों की आलोचना करते हुए कहा पिछले छह वर्षों में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाकर 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है। मई 2014 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी और उस समय दिल्ली में पेट्रोल 71.51 रुपए प्रति लीटर और डीजल 57.28 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर बेचा जा रहा था। इस समय कच्चे तेल की कीमत 63 डॉलर प्रति बैरल है, फिर भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें पहले से बहुत ज्यादा हैं।
अब ऐसे में समझने की जरूरत है कि केंद्र सरकार द्वारा इन ईंधनों पर इतना उत्पाद शुल्क लगाया जा रहा है कि इनकी कीमतों में बेहताशा वृद्धि हो रही है। केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 32.9 रुपए और डीजल पर प्रति लीटर 31.80 रुपए उत्पाद शुल्क लगा रही है। पिछले एक साल में सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी को 19.28 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया है, वहीं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी इसी दौरान 15.83 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई गई है।
लगातार बढ़ता गया उत्पाद शुल्क
वहीं साल 2014 की बात करें जब बीजेपी सरकार में आई थी तब पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी, जो कि अब 32 रुपए से ज्यादा है। वहीं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी जो कि बढ़कर 31 रुपए से ज्यादा हो गई है। यानी कि मोदी सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल पर तीन गुना से ज्यादा उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है जबकि डीजल पर 10 गुना से ज्यादा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है।