- वित्त मंत्री ने किप्टोकरेंसी पर सरकार का रुख साफ किया है।
- उन्होंने कहा कि, टैक्स लगाने का मतलब किप्टोकरेंसी को मान्यता देना नहीं है।
- किप्टो पर टैक्स लगाने का इसे रेगुलेट करने से कोई लेना-देना नहीं है।
Cryptocurrency latest news: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने किप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की मान्यता को लेकर सरकार का पक्ष स्पष्ट किया है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि, 'हमने क्रिप्टो लेनदेन से होने वाले लाभ पर टैक्स लगाया है। मैं इसे वैध बनाने, या इसे प्रतिबंधित करने के लिए कुछ नहीं कर रहा हूं।'
एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2022-23 (Budget 2022) के भाषण में डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर कराधान की घोषणा की थी। इस कर नियम ने कई लोगों को यह विश्वास दिलाया कि अब इसे देश में वैध कर दिया गया है। लेकिन आज वित्त मंत्री ने कहा है कि डिजिटल एसेट्स से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाया गया है। इसका उन्हें मान्यता देने या रेगुलेट करने से कोई लेना-देना नहीं है।
नोट से कितना अलग होगा डिजिटल रुपया ! लीगल टेंडर के साथ ये फीचर बनाएंगे खास
1 फरवरी को किया था ऐलान
सीतारमण ने आगे कहा कि परामर्श के बाद ही फैसला लिया जाएगा कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं। 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करते हुए एफएम ने घोषणा की थी कि डिजिटल संपत्ति हस्तांतरण से आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा और एक सीमा से ऊपर आभासी संपत्ति के हस्तांतरण पर 1 फीसदी टीडीएस भी लगाया जाएगा।
क्या है डिजिटल रुपया और क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग? जानें हर डिटेल
अर्थव्यवस्था पर कही ये बात
इस बीच, राज्यसभा में अपने संबोधन में, एफएम ने चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 9.2 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि मंदी का कोई सवाल ही नहीं है। 7 साल पहले अर्थव्यवस्था 1.1 लाख करोड़ रुपये थी, अब यह 2.32 लाख करोड़ रुपये है।
ITR फॉर्म में क्रिप्टो का होगा अलग कॉलम, देना होगा कमाई का ब्योरा