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आंकड़े जारी, अप्रैल से जुलाई के बीच सरकार को हुआ 3.41 लाख करोड़ का वित्तीय घाटा

Updated Aug 31, 2022 | 17:59 IST

व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। आसान भाषा में समझें, तो यह सरकार की कुल कमाई और खर्च के बीच का अंतर होता है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
अप्रैल-जुलाई में 3.41 लाख करोड़ रहा वित्तीय घाटा

नई दिल्ली। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से जुलाई के दौरान केंद्र सरकार (Central Government) का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 3.41 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह मौजूदा वित्त वर्ष के कुल लक्ष्य का 20.5 फीसदी है। जो सार्वजनिक वित्त में सुधार को दर्शाता है। एक साल पहले की इसी अवधि में यह आंकड़ा 21.3 फीसदी था। उल्लेखनीय है कि यह आंकड़ा सार्वजनिक वित्त की स्थिति में सुधार को दर्शाता है। यह सरकार द्वारा बाजार से लिए गए कर्ज को भी दर्शाता है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में केंद्र का राजकोषीय घाटा 3,40,831 करोड़ रुपये रहा है।

इतनी रही सरकार की प्राप्तियां
कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (CGA) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि टैक्स सहित सरकार की प्राप्तियां पहले चार महीनों में 2022-23 के लिए बजट (Budget) अनुमान के 7.85 लाख करोड़ रुपये या 34.4 फीसदी पर पहुंच गई हैं। जबकि एक साल पहले इसी समय के दौरान भी टैक्स सहित सरकार की प्राप्तियां लगभग इतनी ही, यानी 34.6 फीसदी पर थीं।

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बजट अनुमान का 34.4 फीसदी रहा टैक्स रेवेन्यू
वहीं, सरकार का टैक्स रेवेन्यू (Tax Revenue) चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 34.4 फीसदी रहा। यह 6.66 लाख करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले साल भी अप्रैल से जुलाई के बीच सरकार अपने वार्षिक अनुमान का 34.2 फीसदी प्राप्त करने में सफल रही थी।

इतना रहा कोर सेक्टर आउटपुट
केंद्र सरकार के खर्च की बात करें, तो आकड़ों के अनुसार, इस दौरान केंद्र सरकार का कुल खर्च 11.26 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजट अनुमान का 28.6 फीसदी है। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले यह लगभग बराबर ही है। पूंजीगत व्यय पूरे साल के बजट लक्ष्य का 27.8 फीसदी रहा है। कोर सेक्टर का उत्पादन (Core Sector Output) एक साल पहले के 9.9 फीसदी के मुकाबले जुलाई में कम होकर 4.5 फीसदी पर आ गया।

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